शब्दो का तीखा प्रहार,शराब का अलग से मंत्रालय भाजपा राज में चलता था,जिसका शिलान्यास खुद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया था -विकास तिवारी

प्रदेश में शराब की बिक्री को लेकर सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष में फिर से गरमा-गर्मी का माहौल बन गया जब
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रवक्ता विकास तिवारी ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के उस बयान पर हमलावर हुए।विकास तिवारी ने धरमलाल कौशिक के बयान के जवाब में कहा कि शराब का अलग से मंत्रालय खुला जा रहा है, और आबकारी विभाग चुप्पी साधे है।जबकि हकीकत बात यह है कि शराब का अलग से मंत्रालय भाजपा राज में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के शासन में चलता था और जिसका शिलान्यास खुद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया था।
उपस्थिति थे धरमलाल कौशिक
विकास तिवारी ने धरमलाल कौशिक को यह बात भी याद दिलाई कि शिलान्यास कार्यक्रम में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भी उपस्थित थे।रमन राज में शराब की बिक्री निजी शराब विक्रेताओं से हटाकर अलग से शराब मंत्रालय का शिलान्यास किया गया था।कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक यह बताएं कि क्या ऐसे कारण थे कि प्रदेश में शराब की बिक्री मात्र तीन सौ करोड़ की थी तक भाजपा राज के पंद्रह सालो में अलग मंत्रालय बनाकर पांच हजार करोड़ से अधिक की ब्रिकी कैसे किया और प्रदेश के घर घर मे शराब पहुंचाने का काम भी भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने क्यो किया इसका जवाब प्रदेश की जनता को देना चाहिये। रमन राज में जहरीली शराब,अवैध शराब बिक्री जोरोशोरो से चल रही थी उस समय धरमलाल कौशिक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हुवा करते थे और गहरी चुप्पी साधे रखते थे।
जवाब दे जनता पार्टी और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक–

कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शराबबंदी के लिए प्रतिबद्ध हैं और चरणबद्ध तरीके से प्रदेश शराबबंदी को अग्रसर भी हो रहा है। इसका की उदाहरण प्रदेश के गांव और शहरों में बहुत सारे शराब के आउटलेट को बंद भी किया गया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक कमेटी का गठन भी किया जिसमें यह अध्ययन किया जाएगा कि किस प्रकार शराबबंदी की जाएगी।क्योंकि यह प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ मुद्दा है।प्रवक्ता विकास तिवारी ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक से पूछा है कि क्या कारण है की शराबबंदी पर गठित कमेटी में भाजपा के विधायक बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं क्या भाजपा प्रदेश में शराबबंदी नहीं चाह रही है इन सभी सवालों का जवाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को देना चाहिये।