
ज्ञान, स्वर, संगीत, विद्या की देवी है, माँ सरस्वती जिनकी कृपा पाने के लिए।मां सरस्वती की पुजा और माँ सरस्वती का ध्यान किया जाता है।यही नहीं बसंत ऋतु में आने वाली बसंत पंचमी पर भी माँ सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है।शरद ऋतु के समापन के बाद बसंत ऋतु के साथ सुहावना मौसम शुरू होता है और इस ऋतु का पहला त्योहार बसंत पंचमी होता है। मां सरस्वती के जन्मदिवस के तौर पर बसंत पंचमी की पूजा की जाती है। विशेषकर छात्रों और प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले बच्चों के लिए बसंत पंचमी का खास महत्व होता है।

बुध को मजबूत करने के लिए करे मां सरस्वती की पूजा-
बच्चों की पढ़ाई को लेकर अक्सर माता पिता चिंतित रहते हैं।जिसका कारण बुध का कमजोर होना भी हो सकता है। अगर आपके बच्चे की कुंडली में बुध कमजोर है तो उसका मन फिर पढ़ाई में नहीं लगेगा और वह दिन प्रति दिन कमजोर होता चला जाएगा। इसके लिए आपको बसंत पंचमी पर आसान सा उपाय करना होगा। बच्चे के हाथ से मां सरस्वती की पूजा करवाएं और मां सरस्वती को हरे फल का भोग लगाएं और साथ ही पीले मीठे चावल भी अर्पित करें। ऐसा करने से आपके बच्चे को मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है और उसका मन पढ़ाई में लगता है
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए-
अगर आपका बच्चा किसी उच्च शिक्षा या फिर प्रतियोगी परीक्षा में बैठने जा रहा हो उसके हाथों बसंत पंचमी के दिन किसी ब्राह्मण को वेदशास्त्र दान करवाएं। ऐसा करने से उसके सफल होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।बसंत पंचमी के दिन ढाई से 3 साल के बच्चे जो अभी पढ़ना नहीं शुरू किए हैं, उनकी जीभ पर चांदी की कलम या फिर अनार की लकड़ी की कलम से ऊं लिखना चाहिए। ऐसा करने से आपका बच्चा कुशाग्र बुद्धि वाला बनेगा और जीवन में सभी प्रकार की सफलताओं को प्राप्त करेगा।