माँ उषा की प्रेरक कविता करती है प्रभावित-प्रियंका कौशल

प्रदेश की वरिष्ठ महिला पत्रकार प्रियंका कौशल ने अपनी माँ के द्वारा लिखी गई कविता को शब्दश:सुना रही है।जो प्रियंका कौशल के जीवन को काफी प्रभावित करता है।दरसल प्रियंका कौशल को एक सुबह माँ उषा ठाकुर का संदेश मिलता है जो इस प्रकार है-
मेरी उम्र मार्च 2021 में 72 वर्ष हो जाएगी। यानी 72 वर्ष की होने में अभी 2 महीने बाकी हैं। अभी मैं 71 वर्ष की हूँ। इस उम्र में एक उपलब्धि हासिल कर खुशी हो रही है। जो आप सब से बांटना चाहती हूं। हाल ही मैं मैने एक कविता प्रतियोगिता में भाग लेकर एक कविता लिखी। मैं कवि नहीं हूँ, गीतकार भी नहीं। लेकिन स्पर्धा का विषय इतना प्रेरक था कि मैं खुद को रोक नहीं पाई। विषय था बिटिया के जन्म पर कोई बधाई गीत लिखना था।
मैंने लिखा और प्रोत्साहन स्वरूप ये सर्टिफिकेट पाया। उम्र के इस पड़ाव पर आकर ऐसे सार्थक आयोजन का प्रतिभागी बनकर मन प्रसन्न हो गया। मैंने उस ज़माने में यानी 70 के दशक में MA BED किया था, जब लड़कियां ज्यादा नहीं पढ़ पाती थीं। हमारे घर में पढ़ाई का माहौल था। पिता फारेस्ट डिपार्टमेंट में अधिकारी थे, मां सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं। मौसियां भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी थीं। भाई-बहन सब उच्च शिक्षित हैं। हमारे घर में हमने कभी बेटे-बेटी में मतभेद नहीं पाया। पिता जी सबको सुबह 5 बजे उठाकर पढ़ाने बैठा देते थे। हमने अपने घर में भी बेटे-बेटी में भेद नहीं किया। बेटियां तो सुख का सूचक होती हैं। मुझे पता है कि मैंने बहुत विशेष नहीं लिखा, लेकिन जो भी लिखा दिल से लिखा, आप भी पढ़िए-
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
दादा-दादी झूम रहे हैं, खुशी की लहर आयी।
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
चाचा-चाची द्वार खड़े हैं, देने को बधाई
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
बुआ सोहर गा रही, बाँट रही मिठाई।
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
मम्मी-पापा नाच रहे हैं, बिटिया है घर आई।
घर भर में फैला उजियारा, दुनिया है जगमगाई।।
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
नाना-नानी, मौसा-मौसी, मामा-मामी, ताऊ और ताई।
मना रहे हैं सारे खुशियां, मन की मुराद है पाई।।
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
बिटिया बड़ी होगी, कुलदीपक बनेगी।
रोशन करेगी पीढियां, भाग्य की कुंजी पाई।।
बधाई हो बधाई, घर में नन्हीं परी आयी।।
बज रही शहनाई, घर में लक्ष्मी आयी।।
यह कविता वात्सलय की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है।एक माँ बिना किसी भेद भाव के एक बेटी का परिवार में आगमन से खुशी की स्थिति को बतलाती है।