राह देखता रहा घर का द्वार विडंबना जिंदा नही लौटा वीर जवान

महाराष्ट्र के पाल घर मे एक नैवीसैनिक को जिंदा जला दिया गया।यह भयानक हादसे से माता-पिता और परिवार की स्थिति का अंदाजा भी नही लगाया जा सकता।कि उनकी तकलीफे किस कदर उन्हें बार-बार उस बेटे को की याद दिला रही होगी।बता दें झारखंड के डाल्टनगंज के रहने वाले नेवी अफसर सूरज कुमार दुबे को महाराष्ट्र के पालघर में कुछ अज्ञात लोगों ने शुक्रवार को जिंदा जला दिया था। तकरीबन 24 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार शनिवार को सूरज ने मुंबई के एक हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।सूरज दुबे ने महज 21 साल की ही उम्र में दुनिया से विदा ले लिया इस वीर की दर्दनाक मौत ने सबके रोगटे खड़े कर दिया।वही परिवार में दुःखो का सैलाब उमड़ पड़ा है।
जिस घर मे एक जवान की मौत हुई हो।उस घर के लोगो की तो होश ही कहा होंगे। कि उन्हें कुदरत ने किस दर्दनाक दिन का सामना करा दिया,की वे अपनी तकलीफों से कभी उभर नही पाएंगे।इस घर का द्वार अब हमेशा के लिए उस जवान का इंतजार करता रह जाएगा जिनकी शादी की शहनाईयां कुछ दिनों में गूँजने वाली थी।जवान बेटे की मौत के बाद अब पिता न्यायालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हो गया है।झारखंड के मेदिनीनगर चैनपुर थाना क्षेत्र के पूर्वडीहा के कोल्हुआ निवासी मिथिलेश दुबे ने अपने बेटे सूरज दुबे की मौत के बाद कहा, “मैं अपने बेटे के लिए न्याय चाहता हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से यह पता चला है कि सूरज ने मरने से पहले एक बयान में कहा था कि फिरौती के लिए उसका अपहरण किया गया और पालघर लाकर उसे जला दिया गया। मैं चाहता हूं की इस मामले की जांच हो और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”

ड्यूटी पर लौट रहा था जवान
जानकारी के अनुसार छुट्टी समाप्त होने के बाद ड्यूटी पर तमिलनाडु के कोयम्बटूर जा रहे थे। सूरज 30 जनवरी की रात से गायब थे। छह दिनों के बाद पांच फरवरी को वह जले हुए हालत में गम्भीर अवस्था में मुंबई के पालघर जंगल में मिला था। 90 प्रतिशत जल चुके सूरज ने किसी तरह अपनी पहचान पुलिस को बताई। घर वालों का फोन नंबर पुलिस को दिया। जली हुई अवस्था में उन्हें INHS अश्विनी में लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।इस हादसे के बाद अब न्यालय से उम्मीद लगाई जा रही है।कि जवान को न्याय मीले और आरोपियों को कठोर सजा