हाईकोर्ट से स्थगन आदेश हो रहे हैं जारी…शिक्षकों के राज्य स्तरीय तबादलों में खामियां हो रही हैं उजागर
रायपुर। सरकार द्वारा बनाई गई स्थानांतरण नीति से परे हटके राज्य भर में ऐसे अनेक तबादले किये गए हैं, जिसके चलते बड़ी संख्या में शिक्षक हाई कोर्ट की शरण ले रहे हैं। नियम विरुद्ध किये गए तबादलों में पीड़ितों को न्यायालय से स्थगन आदेश भी मिल रहा है।
तबादलों पर राजनीती रही हावी
पूर्व के वर्षों की तरह राज्य में हुए तबादलों में राजनीती पूरी तरह हावी रही। सत्तापक्ष से जुड़े जनप्रतिनिधियों का तबादलों को लेकर दबाव ही था कि जिम्मेदार अधिकारियों ने ऐसे तबादलों के समय नियमों पर भी ध्यान नहीं दिया, जिसका लाभ अब तबादले पर भेजे गए शिक्षकों को मिल रहा है। ऐसे तबादलों पर हाई कोर्ट से उन्हें स्थगन भी दिया जा रहा है।
ये हैं मामले
प्रकरण 01 : बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लॉक के ग्राम चिचिरदा स्थित शासकीय हाई स्कूल की जीव विज्ञान विषय की व्याख्याता (एलबी) अलका सिंह का प्रशासनिक तौर पर तबादला मुंगेली जिले के शासकीय हाई स्कूल पंढर भट्ठा में कर दिया गया था। इस मामले में शिक्षिका की ओर से हाई कोर्ट में वाद दायर करने वाले अधिवक्ता अकथ कुमार यादव ने बताया कि व्याख्याता अलका सिंह का तबादला कर दिए जाने से उनके चिचिरदा स्थित शासकीय हाई स्कूल में विज्ञान का पद खाली हो गया , जबकि स्थानांतरण नीति में ऐसे तबादले नहीं करने को कहा गया है, जिससे संबंधित स्कूल में विषय शिक्षक का पद रिक्त हो जाये।
दरअसल शिक्षा विभाग रायपुर द्वारा अलका सिंह के स्थानांतरण की जगह पर शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय कसडोल, जिला बलौदा बाजार की शिक्षिका श्रद्धा शुक्ला का स्थानांतरण शासकीय हाई स्कूल चिचिरदा में किया गया, शासन द्वारा जारी आदेश में उनके विषय के आगे जीव विज्ञान दर्शित है जबकि उन्होंने अपना जो आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी बलौदा बाजार को प्रस्तुत किया, उसमें उन्होंने रसायन विज्ञान की शिक्षिका होना दर्शाया है, जिसके कारण वर्तमान शाला शासकीय हाई स्कूल चिचिरदा में उन्होंने रसायन शास्त्र के पद पर अपनी जॉइनिंग दी है। अर्थात जीव विज्ञान की व्याख्याता के बदले में रसायन विज्ञान की शिक्षिका ने स्कूल में जॉइनिंग दी, जो कि नियम विरुद्ध था।
अपने स्थानांतरण के खिलाफ अलका सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद स्थगन आदेश जारी करते हुए न्यायालय ने समिति से 3 सप्ताह के अंदर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है, एवं याचिकाकर्ता को 10 दिन के अंदर अपना आवेदन समिति के सामने प्रस्तुत करने कहा है। साथ ही वर्तमान शाला में ही यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया है।
प्रकरण 02 : शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, कल्याणपुर, विकासखंड व जिला सूरजपुर के शिक्षक रामराज यादव, व्याख्याता का स्थानांतरण शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक स्तर पर शासकीय उच्च मा. विद्यालय, बल्लाकछार, विकासखंड, कसडोल, जिला बलौदा बाजार कर दिया गया। इस स्थानांतरण के विरुद्ध रामराज यादव ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई। याचिकाकर्ता ने यह दलील दी कि स्थानांतरण नीति 2022 के कंडिका क्रमांक 3.2 के तहत उसके स्थानांतरण हो जाने के बाद पूर्व के विद्यालय में उनका पद रिक्त हो रहा है, जो स्थानांतरण नीति के विरुद्ध है। उच्च न्यायालय ने याचिका की सुनवाई की और स्थानांतरण आदेश पर स्थगन प्रदान कर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। साथ ही सरकार द्वारा गठित समिति से 6 सप्ताह के भीतर इस संबंध में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।