छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन -अतुल अनुराग अर्थर मामले के साथ भावना अर्थर के दस्तावेजों की भी व्यापक जांच की तैयारी, फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर सख्त कार्रवाई के संकेत
छत्तीसगढ़ शासन का स्कूल शिक्षा विभाग लगातार दूसरे महीने बड़े प्रशासनिक आदेश जारी करते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र और गलत दस्तावेज़ों पर कठोर कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रहा है

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन का स्कूल शिक्षा विभाग लगातार दूसरे महीने बड़े प्रशासनिक आदेश जारी करते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र और गलत दस्तावेज़ों पर कठोर कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अक्टूबर और नवंबर 2025 के आदेशों के बाद अब विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र और उससे जुड़े सभी मामलों की जांच राज्य में प्राथमिकता पर होगी।
🔹 अतुल अनुराग अर्थर मामला – सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा विवाद
10 नवंबर 2025 को जारी आदेश SLP(C) 22292/2025 – Atul Anurag Arthur Vs. State of Chhattisgarh – में विभाग को:बिंदुवार जांच
दस्तावेजों का सत्यापन
प्रशासनिक रिकॉर्ड की पुष्टि
और कोर्ट में प्रस्तुत होने योग्य रिपोर्ट
तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

🔹 भावना अर्थर के दस्तावेज़ भी जांच के दायरे में
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, शासन इस मामले में केवल अतुल अनुराग अर्थर ही नहीं, बल्कि भावना अर्थर से जुड़े दस्तावेज़ों और उनके आधिकारिक रिकार्ड की भी जांच करने पर विचार कर रहा है।
कारण: राज्य सरकार अब ऐसी कार्यप्रणाली अपनाना चाहती है जिसमें-
मुख्य आरोपी
उससे जुड़े सहायक दस्तावेज़
परिवार आधारित दावे
आश्रित प्रमाणपत्र
और सभी संबंधित जाति/निवास/पात्रता रिकॉर्ड
की पूरी जांच हो सके, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी स्तर पर फर्जी दस्तावेज़ के माध्यम से लाभ न ले सके।
🔹 सरकार के संकेत – फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर अब होगा ‘जीरो टॉलरेंस’
राज्य शासन अब ऐसे मामलों पर बेहद कड़ा रुख अपना रहा है।
सरकार उच्च स्तर पर निम्न कार्रवाई पर विचार कर रही है-
1️⃣ फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वालों की सेवा समाप्ति
2️⃣ शासन से ली गई पूरी वेतन राशि + सुविधाएँ ‘सू́द समेत’ वापस लेने की कार्रवाई
3️⃣ रकम न लौटाने पर आर्थिक अपराध व धोखाधड़ी की FIR दर्ज करने की तैयारी
4️⃣ भविष्य की पीढ़ियों को चेतावनी देने के लिए ‘उदाहरणीय सज़ा’
प्रशासनिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम राज्य में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के पूरे नेटवर्क पर लगाम लगाने के लिए ऐतिहासिक सिद्ध हो सकता है।

🔹 एक महीने में दो आदेश – विभाग पूर्ण सक्रिय मोड में
16 अक्टूबर 2025 – पहला आदेश
WPS 11680/2025, 11118/2025 सहित 7 याचिकाओं में गहन जांच के निर्देश।
10 नवंबर 2025 – दूसरा आदेश
SLP(C) 22292/2025 पर व्यापक रिपोर्ट तैयार करने का आदेश।
दोनों आदेशों में विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि-
रिपोर्ट समयसीमा में भेजी जाए
गलत/अधूरी जानकारी पर अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होगा
जिला शिक्षा अधिकारी व वरिष्ठ अधिकारी पूर्ण सहयोग दें
फैक्ट्स कोर्ट में सही रूप में प्रस्तुत हों
🔹 भावना अर्थर पर विभाग की कानूनी रूप से सुरक्षित स्थिति
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है:
“मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण, अतुल अनुराग अर्थर से जुड़े दस्तावेज़ों के साथ-साथ भावना अर्थर से संबंधित रिकॉर्ड का भी सत्यापन आवश्यक है, ताकि संपूर्ण प्रकरण की वास्तविक स्थिति सामने आ सके।”
यह बयान जांच की आवश्यकता दर्शाता है, न कि किसी व्यक्ति पर आरोप।
🔹 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ शासन का संदेश अब बिल्कुल साफ है
फर्जी जाति प्रमाण पत्र, गलत दस्तावेज़ और धोखे से सरकारी लाभ – अब किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं होंगे।अतुल अनुराग अर्थर का मामला हो या भावना अर्थर के दस्तावेज़
अब प्रत्येक स्तर पर सत्यापन, पारदर्शिता और कठोर कार्रवाई राज्य शासन की नीति बन चुकी है।







