BIG NEWS : छत्तीसगढ़ के 3 प्रवासी मजदूरों की शहर में मौत, संस्थान ने मोड़ा मुंह…पलायन संकट पर गंभीर सवाल

CG News: छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में लोग आए दिन काम की तलाश में शहराें की ओर पलायन कर रहे है. वहीं, सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर इलाके में रहने वाले तीन मजदूरों की पिछले कुछ महीनो के भीतर ही दूसरे राज्यों में मौत हो गई.
दरअसल, काम की तलाश में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति के लोग, दलालों के झांसे में आकर दिल्ली, मुंबई सहित दूसरे महानगरों में काम करने के लिए चले जाते हैं. जहां उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं फैक्ट्री में काम के दौरान सुरक्षा का ख्याल नहीं रखने की वजह से मजदूरों की मौत की घटना सामने आ रही है. इन मजदूरों को कोई बीमा राशि भी नहीं मिल रही है.
दूसरे शहरों में तीन युवकाें की मौत
सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर इलाके के तीन मजदूरों की मौत हुई है. कोल्हुआ निवासी पंडो युवक अक्षय लाल नामक युवक की मौत बिहार में हुई. इसी तरह कोल्हुआ निवासी सुन्दर साय नामक एक दूसरे युवक की कुछ दिन पहले दिल्ली में मौत हुई है, तो वहीं इससे पहले नागोई गांव निवासी तीसरे युवक की राजस्थान में बोरवेल मशीन में काम करते समय जान गई थी. इसमें से एक युवक की लाश एक सप्ताह बाद उसके गांव पहुंची थी.
नहीं मिलता काम कराने वालों से सहयोग
इसके बावजूद काम करने के लिए ले जाने वाले ठेकेदार और जिस संस्थान में वह काम कर रहा था उस कंपनी के द्वारा उन्हें 1 रुपये भी सहायता राशि उपलब्ध नहीं कराई गई. इतना ही नहीं एक मजदूर की लाश तो उसके गांव भी नहीं पहुंच सकी और यही वजह है कि प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं.
प्रशासन के पास कोई रिकार्ड नहीं
चांदनी बिहरपुर क्षेत्र में आने वाले 36 ग्राम पंचायत से एक हजार से अधिक युवक और नाबालिक काम करने के लिए दूसरे शहरों में गए हुए हैं, लेकिन इसका कोई भी डाटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है. यही वजह है कि कई बार इन मजदूरों को बड़े शहरों में बंधक बना लिया जाता है और जबरन काम कराया जाता है. ऐसा मामला पहले भी कई बार सामने आ चुका है लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन स्थानीय लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने में नाकाम साबित हुआ है.
चांदनी बिहार पर इलाका बेहद पिछड़ा हुआ क्षेत्र है और मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. यहां मूलभूत सुविधाओं की बेहद कमी है. कई गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है. इतना ही नहीं शिक्षा व्यवस्था भी बेहद ही खराब है.









