हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: 17 अक्टूबर को होगा अंतिम निर्णय, शशि वाघे और अतुल अर्थर के अधिकारों पर रोक
मनीय न्यायालय बिलासपुर का बड़ा फैसला

बिलासपुर, 14 अक्टूबर 2025।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने छत्तीसगढ़ डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन (Church of North India) से संबंधित मामले में महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने स्पष्ट किया कि विवादित आदेश (दिनांक 29.09.2025) पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार की सक्षम प्राधिकारी द्वारा 17 अक्टूबर 2025 को लिया जाएगा।
अदालत ने कहा कि सभी पक्ष उसी दिन सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उपस्थित हों और सभी अपीलें उसी दिन सुनकर कानून के अनुसार निर्णय दिया जाए।
अदालत ने कहा:
17.10.2025 को राज्य सरकार के अधिकारी मामले की सुनवाई कर उचित आदेश पारित करें।
सभी पक्ष शांति एवं सद्भाव बनाए रखें।
अदालत ने मामले के गुण-दोष (merits) पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
कोर्ट ने माना:
याचिकाकर्ता नितिन लॉरेंस (उपाध्यक्ष) और जैदीप रॉबिन्सन (सचिव) ने यह आरोप लगाया था कि शशि वाघे और अतुल अर्थर ने लेटरपैड का दुरुपयोग कर अवैध रूप से अधिकार हड़पने की कोशिश की और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से जबरन चार्ज लेने का प्रयास किया।
कोर्ट ने इसे “gross misuse of power” कहा और ऐसे कार्यों को कानून के मूल सिद्धांतों के विपरीत बताया।
अदालत का निर्देश:
जब तक 17 अक्टूबर को सक्षम प्राधिकारी द्वारा सुनवाई नहीं होती, किसी भी पक्ष को चार्ज या पदभार लेने-देने का अधिकार नहीं है।
मामला: CNI डायोसिस बोर्ड ऑफ एजुकेशन का संचालन विवाद
याचिकाकर्ता: नितिन लॉरेंस, जैदीप रॉबिन्सन
प्रतिवादी: राज्य शासन, शशि वाघे, अतुल अर्थर आदि
अगली सुनवाई / निर्णय की तारीख: 17 अक्टूबर 2025
अदालत का निर्देश: सभी पक्ष शांति बनाए रखें, कोई भी अवैध चार्ज न ले
यह आदेश साफ करता है कि शशि वाघे और अतुल अर्थर द्वारा की गई कोई भी पोस्टिंग या सस्पेंशन कार्रवाई न केवल गलत है बल्कि अधिकार क्षेत्र से बाहर भी है।
अब अंतिम निर्णय 17 अक्टूबर को राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा।







