ChhattisgarhRaipur

BREAKING : IAS निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका हुई खारिज

रायपुर। आबकारी विभाग के पूर्व सचिव और आईएएस निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला आ गया है। ED की स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में आईएएस निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है।

Related Articles

बता दें कि करीब 6 दिनों से ED की गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी पूर्व सचिव ने ED के विशेष न्यायाधीश के समक्ष अग्रिम जमानत के लिए अपील किया था। दो बार अपना फैसला टालने के बाद आज बुधवार को जमानत याचिका को खारिज कर दी गई।

इसके पहले मंगलवार को निरंजन दास की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। इस अग्रिम याचिका पर अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने आईएएस अधिकारी का पक्ष रखते हुए बताया कि उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है। बचाव पक्ष के वकील ने मतीन सिद्दीकी कहा था कि यह 120-बी (कांसपिरेसी) का केस नहीं है। कहीं भी कंप्लेंट फाइल नहीं हुई। आबकारी की जिस पॉलिसी में गड़बड़ी बताई जा रही है, वह अप्रैल 2019 में लागू हुई। जबकि निरंजन मई में आबकारी सचिव और आयुक्त नियुक्त किए गए थे। उनका काम खरीदी-बिक्री का नहीं था।

निरंजन की एंजियोग्राफी हुई है। उन्हें किडनी, बीपी की बीमारी है। पीएमएलए एक्ट की धारा 45 में बीमार व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। उनके घर ईडी का छापा भी नहीं पड़ा है और किसी भी तरह की संदिग्ध मोबाइल चैट या डायरी में भी नाम नहीं है। वे लगातार ईडी के समंस में उपस्थित होते रहे हैं। वे विदेश भी नहीं जाएंगे। इसलिए उन्हें गिरफ्तारी की आशंका में अग्रिम जमानत मिलना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट से वापस ली थी याचिका

छत्तीसगढ़ में कथित 2 हजार करोड़ रुपए की शराब गड़बड़ी के मामले में ईडी की कार्रवाई को प्रदेश के आबकारी सचिव रहे निरंजन दास ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सचिव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ईडी की कार्रवाई गलत और पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। हालांकि बाद में उन्होंने याचिका को ही वापस ले लिया था।

Desk idp24

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!