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CG : जूनियर डाक्टरों के हड़ताल से मरीजों को हो रही परेशानी…घटाई गई OPD

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों का हड़ताल पर जानें का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं बीते 1 अगस्त से प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कालेज अस्पतालों के जूनियर डाक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। जिस वजह से मरीजों को काफी सारी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से सबसे बड़े शासकीय आंबेडकर हास्पिटल में ओपीडी और आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होने लगी है। हालांकि, सीनियर डाक्टरों ने जिम्मेदारी संभाली है, जो काफी नहीं है।

जानकारी के अनुसार आंबेडकर अस्पताल में अब पहले से प्रस्तावित और इमरजेंसी आपरेशन ही होंगे। सीनियर डाक्टरों का कहना है कि आपरेशन के बाद मरीजों की देखभाल जूनियर और इंटर्न छात्र ही करते हैं। ओपीडी और आपातकालीन सेवाएं देने के बाद आपरेशन के लिए मरीजों को मना करना मजबूरी हो गई है। आंबेडकर अस्पताल में जहां रोजाना औसतन 1700 से 1800 की OPD होती थी, बुधवार को 1143 ही हुई। सीनियर डाक्टरों के कमरों में मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी। जूनियर डाक्टरों ने स्टाइपेंड बढ़ाए जाने समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को ओपीडी का बहिष्कार किया था। रायपुर के अलावा बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर, रायगढ़ और राजनांदगांव के शासकीय मेडिलक कालेज के जूनियर डाक्टर भी हड़ताल पर हैं।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बुधवार को सर्किट हाउस में मेडिकल कालेज के आटोनमस की बैठक ली। बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने डीन डा तृप्ती नागरिया और डा विष्णु दत्त को हड़ताल पर बैठे जूनियर डाक्टरों से बातचीत करने के निर्देश दिए। आंबेडकर अस्पताल के सामने धरनास्थल पर पहुंचकर डीन और डीएमई ने हड़ताल समाप्त कराने की कोशिश की लेकिन विफल हुए। छत्तीसगढ़ जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु प्रताप सिंह ने बताया कि इससे पहले भी मांगों को लेकर हड़ताल किया गया था। राज्य सरकार की तरफ से आश्वासन मिला था कि जल्द फैसला लिया जाएगा। छह माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सरकार की ओर से मांगों को लेकर जब तक लिखित में नहीं आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। शासकीय मेडिकल कालेज हास्पिटल में सारा काम इंटर्न डाक्टर्स और जूडो ही करते हैं। अस्पताल उनके लिए घर है, क्योंकि वो 24 घंटे अस्पताल में ही रहते हैं। मरीजों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रदर्शनस्थल पर ही ओपीडी लगाई गई थी।

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