छत्तीसगढ़ सिख समाज ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर जताई आपत्ति

सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन समाज के लिए भी अलग से आरक्षण क्यों नहीं?
अन्य अल्पसंख्यकों का अपमान- सिक्ख समाज
छत्तीसगढ़ सिख समाज ने कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम समाज को अलग से 4% आरक्षण देने पर कड़ा विरोध जताया है। समाज के प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर सिंह सिंघोत्रा ने इसे मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करार देते हुए कहा कि जब मुस्लिम समुदाय देशभर में अल्पसंख्यक आरक्षण का लाभ पहले से ही ले रहा है, तो फिर अलग से प्रदेश स्तर पर आरक्षण देने की क्या आवश्यकता है? उन्होंने सवाल उठाया कि देश में सबसे अधिक भूमि स्वामित्व रखने वाले समुदायों में से एक होने के बावजूद मुस्लिम समाज को अलग से आरक्षण क्यों दिया जा रहा है? यदि यह तुष्टीकरण नहीं है, तो फिर इसे और क्या कहा जाए?
सिंघोत्रा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मांग की कि यदि वे वास्तव में अल्पसंख्यकों की चिंता कर रहे हैं, तो फिर सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन समाज के लिए भी अलग से आरक्षण क्यों नहीं दिया गया? केवल मुस्लिम समाज को आरक्षण देना कांग्रेस की मुस्लिम वोटबैंक राजनीति का प्रमाण है, जिसे अन्य अल्पसंख्यक समुदाय कतई स्वीकार नहीं करेंगे। छत्तीसगढ़ सिख समाज का मानना है कि कांग्रेस द्वारा इस तरह एक विशेष समुदाय को अलग से आरक्षण देना देश के अन्य अल्पसंख्यकों का अपमान है। समाज ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस प्रकार जाति या धर्म के आधार पर विशेष आरक्षण की व्यवस्था सही नहीं कही जा सकती।