पुलिस ने तांत्रिक को कैसे बनाया खाल तस्कर…जानें जरूर
गरियाबंद। जिले के रसेला का एक तांत्रिक तेंदुए की खाल लेकर चिंगारमल जा रहा था। अचानक इसकी भनक पीपरछेड़ी थाने की पुलिस को लग गई। बस फिर क्या था, पुलिस बल के लोगों ने घेरा डाल कर तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से तेंदुए के बच्चे की खाल भी बरामद कर ली।
अब पुलिस उसको खाल तस्कर बताकर एक अलग ही कहानी गढ़ रही है। आम जनता पुलिस की विज्ञप्ति पढ़-पढ़ कर अचंभे में है। कुल मिलाकर पुलिस और ग्रामीणों के बयान मेल नहीं खा रहे हैं। फिलहाल आरोपी तांत्रिक इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में हैं, और उस पर कार्यवाही जारी है।
क्या है पूरा मामला
सोमवार को पीपरछेड़ी थाने की पुलिस को एक मुखबिर ने खबर दी थी कि कोई व्यक्ति एक तेंदुए की खाल के साथ कहीं जा रहा है। पुलिस ने सूचना की तस्दीक कराई तो सूचना सही साबित हुई। उसके बाद तत्काल पुलिस बल के जवान मौके की ओर रवाना हो गए। इन लोगों ने एक अधेड़ को एक तेंदुए के बच्चे की खाल के साथ अरेस्ट किया। उसके कब्जे से तेंदुए की खाल बरामद हो गई।
पुलिस बनाम ग्रामीण
पीपरछेड़ी थाने की पुलिस आरोपी को खाल तस्कर बता रही है, जो वन्यजीवों का शिकार कर उनकी खाल का व्यवसाय करते हैं। पुलिस का कहना है कि ये तस्कर इस खाल के लिए ग्राहक की तलाश में था। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली और उसे अरेस्ट कर लिया गया।
उधर नाम नहीं छपने की शर्त पर रसेला के ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस झूठ बोल रही है। गिरफ्तार व्यक्ति रसेला का एक तांत्रिक है, उसके पास ये खाल तकरीबन 8 महीने से पड़ी हुई है। इसी खाल पर बैठ कर वो तांत्रिक अनुष्ठान करता है। उसका मानना है कि इस पर बैठ कर किए गए अनुष्ठान कभी खाली नहीं जाते।
वन्यजीव अधिनियम के तहत हो रही कार्यवाही
दोनों ही कहानियांे के सामने आने के बाद भी पीपरछेड़ी थाने की पुलिस आरोपी पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही कर रही है। जो कि गैरजमानती धारा है। ऐसे में तांत्रिक को तस्कर बनाकर पुलिस कायदे से अंदर करने जा रही है। आम अवाम ये जानना चाहती है कि आखिर सच कौन बोल रहा है पुलिस या फिर ग्रामीण ?