प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा मकर संक्रांति का पर्व
रायपुर। मकर संक्रांति का पर्व प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज रायपुर के महादेव घाट( mahadev ghat) में बड़ी संख्या में लोगों ने महानदी में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की।राजिम के त्रिवेणी संगम में आज तड़के अंचल सहित प्रदेश के दूर दराज से काफी लोगों ने पुण्य स्नान किया. त्रिवेणी संगम में महिलाओं ने पुण्य स्नान कर रेत के बालुओं से भगवान शिव का प्रतीकात्मक स्वरूप बनाकर विधि विधान से पूजा-अर्चना की।
मकर संक्रामण का अर्थ( means)
मकर संक्रामण का अर्थ होता है सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में आते हैं तो इस काल को संक्रामण काल कहा जाता है। 14 और 15 जनवरी को सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे कर्नाटक में मकर संक्रमण के नाम से जाना जाता है।
तिल, गुड़ और खिचड़ी के दान से किस्मत बदलती है.
मकर संक्रांति( makar sankranti) के दिन घी, तिल, कंबल, खिचड़ी दान का खास महत्व है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़ और खिचड़ी के दान से किस्मत बदलती है.