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सौम्या चौरसिया को मनी लाड्रिंग मामले में नहीं मिली राहत….

 रायपुर : कोयला परिवहन से जुड़े मनी लाड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्त में आकर जेल में बंद निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोर्ट ने राहत नहीं दी। उनकी ओर से विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में पेश जमानत अर्जी पर ईडी की तरफ से अधिवक्ताओं का पक्ष सुना गया। अधिवक्ताओं ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मनी लाड्रिंग केस की जांच अभी चल रही है। ऐसे में आरोपित सौम्या चौरसिया को जमानत का लाभ देना उचित नहीं है, क्योंकि उनके जमानत पर छूटने से साक्ष्यों से छेड़छाड़ की जा सकती है और जांच भी प्रभावित होगी।

न्यायाधीश ने लंच के बाद तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा। इसके बाद जमानत याचिका रद करने का आदेश सुनाया। इससे पहले सौम्या चौरसिया की जमानत पर कोर्ट में बचाव पक्ष की बहस चली। सौम्या की ओर से दिल्ली से आए अधिवक्ता मनिंदर सिंह और स्थानीय अधिवक्ता फैजल रिजवी ने कोर्ट में दलील दी कि जिन धाराओं में सौम्या की गिरफ्तारी हुई है, वह केस उन पर बनता ही नहीं है।

ईडी की तलाशी में सौम्या चौरसिया के यहां से कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है। कोल परिवहन मामले से उनका कोई लिंक भी नहीं है। मनी लांड्रिंग केस में एक महिला को इतने अधिक समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। उनका कोई पूर्व आपराधिक रिकार्ड नहीं है। उनके छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल प्रभावित हो रही है।

ईडी जबरन हमारे पक्षकार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में फंसा रही है। ईडी ने जो संपत्ति जब्त करना बताया है, वह सौम्या की नहीं, बल्कि उनके परिवार के लोगों के नाम पर है। उनके पास से कुछ भी नहीं मिला है। यहीं नहीं ईडी ने जब-जब नोटिस देकर बुलाया तब-तब उन्होंने जाकर जांच में पूरा सहयोग दिया है।

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