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सुरक्षा बलों ने ध्वस्त किया नक्सली कैंप, पुलिस और नक्सलियों के बीच हुआ मुठभेड़

कांकेर । छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव का लगातार बहिष्कार कर रहे नक्सली चुनाव के दौरान किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में लगातार कोशिश में जुटा है। दहशत फैलाने मतदाताओं को चुनाव बहिष्कार की धमकी और सार्वजनिक जगहों पर पोस्टर चिपकाने के बाद जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ सर्चिंग अभियान तेज कर दी है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के अंतागढ़ इलाके में डीआरजी, बीएसएफ टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। जवानों ने नक्सली कैंप को ध्वस्त कर दिया। जवानों ने इस मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों के घायल होने का दावा किया है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने मुठभेड़ की पुष्टि की है। दरअसल, डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त टीम तड़के सुबह अंतागढ़ इलाके में सर्चिंग पर निकली थी। इसी दौरान जवानों और नक्‍सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। जवानों का दावा है कि इस मुठभेड़ में गोली लगने से कई नक्‍सली घायल हो गए।

बता दें कि तीन दिन पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में चुनावी सभा के पहले नक्सलियों ने छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के ग्राम मोरखंडी के तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने उन पर पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए जन अदालत में मौत की सजा सुनाई और गला रेत दिया था। कांकेर जिले का छोटेबेठिया थाना क्षेत्र महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से सटा हुआ है।

माना जा रहा है कि चुनावी माहौल में दहशत फैलाने के लिए नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। बता दें कि कांकेर और बीजापुर जिले में प्रथम चरण के अंतर्गत सात नवंबर को विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान होना है। वहीं ग्रामीण तीनों शवों को ट्रैक्टर ट्राली में लेकर बेठिया थाने में पहुंचे। इस नक्सली वारदात के बाद सुरक्षा बलों ने जांच अभियान तेज कर दिया है।

Desk idp24

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