ट्रेनों को कैंसिल किए जाने के विरोध में आज कांग्रेस का प्रदर्शन: BJP सांसद अरुण साव का घेरेंगे निवास
बिलासपुर: न्यायधानी में आज शुक्रवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस रेलबंदी के खिलाफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अरूण साव के निवास का घेराव करेगी। दोपहर 12 बजे नेहरू चौक पर धरने के बाद यह प्रदर्शन होगा। कांग्रेस नेताओं ने रेल बंदी के लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही कहा है कि सांसद अरुण साव के प्रभावी नेतृत्व के अभाव में रेल मंत्रालय एवं बिलासपुर रेलवे जोन की जन विरोधी नीतियां लगातार जारी है, जो अब तानाशाही का रूप ले चुकी हैं।
कोरोना काल के बाद से रेलवे प्रशासन छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को लगातार 8 माह से कैंसिल कर रहा है। मार्च से लेकर जून तक ग्रीष्म कालीन सीजन में रेलवे ने चार माह तक 50 से अधिक ट्रेनों को बंद कर दिया था। इस दौरान जब विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ, तब जुलाई में सिर्फ एक माह के लिए ट्रेनों को बहाल किया गया। इसके बाद अब अगस्त के पहले सप्ताह से ही लगातार ट्रेनों का कैंसिलेशन जारी है।
यात्री सुविधाओं की अनदेखी कर रहा रेलवे
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने बिलासपुर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ की रेलयात्री सुविधाओं के साथ भद्दा मजाक कर रही है। बिलासपुर के सांसद अरुण साव की निष्क्रियता करेला और नीम चढ़े की कहावत को चरितार्थ किया है। कमाई के हर क्षेत्र में बिलासपुर ज़ोन अव्वल रहा है। कोयला लदान का रिकार्ड बनाया है। फिर भी केंद्र की मोदी सरकार अपनी विधानसभा चुनाव में हार से व्यथित और भाजपा सांसद अरुण साव के प्रभावी नेतृत्व के अभाव में रेल मंत्रालय व बिलासपुर रेलवे जोन की जनविरोधी नितियां लगातार जारी हैं।
रेल मंत्रालय और रेलवे जोन की ओर से रेल यात्रियों की सुविधाओं की अनदेखी करते हुएं पहले से ही कई यात्री ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है। वहीं एक बार फिर अपनी जनविरोधी नीतियों का प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ में चलने वाले 68 ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया है। इसलिए कांग्रेस को सड़क में उतरना पड़ रहा है।
कांग्रेसियों को रोकने पुलिस ने की बैरिकेडिंग
कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन और घेराव को देखते हुए कानून एवं सुरक्षा और यातायात सुविधा बनाने के लिए पुलिस ने तैयारी कर ली है। इस दौरान नेहरु चौक में 50 से अधिक पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं, सांसद निवास तक कांग्रेसियों को पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी है। धरना-प्रदर्शन के दौरान यातायात व्यवस्था बनाने के लिए रूट भी डायवर्ट किया गया है।