ED की रेड को विनोद वर्मा ने बताया डकैती, सीएम के राजनीतिक सलाहकार बोले – बिल पेश किया फिर भी जब्त कर ले गए सोना
रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ईडी की टीम कल मेरे घर बिना किसी तथ्य के आधार पर पहुंची। ईडी ने मेरे घर से जो सोना बरामद किया उसे मैंने 2005 में खरीदा है। मैंने सभी के बिल दिए हैं। ईडी सारा गहना जब्त कर ले गई है। ईडी ने मुझे कागज दिया उसमें सारा विवरण है।
विनोद वर्मा ने आरोप लगाया कि ED अब अफवाहों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं 1987 से पत्रकार हूं और कुछ साल पहले राजनेता बन गया। मेरे पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि ED कह रही है कि मैं 65 करोड़ रुपए की लॉन्ड्रिंग में शामिल हूं, जबकि मैंने अठन्नी भी लॉन्ड्रिंग नहीं की।
विनोद वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक मैगजीन को हाथ में रखकर कहा कि ED के आरोप महज कुछ साल पहले छपी एक मैगजिन के मनोहर कहानी पर आधारित हैं। मेरा ASI चंद्रभूषण वर्मा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि ED के पास क्या सबूत है कि मैं उनसे संबंधित हूं? साथ ही, उनके पास क्या सबूत है कि हम संपर्क में थे? ये छापेमारी मेरे खिलाफ सुनी-सुनाई बातों और सिर्फ एक व्यक्ति के बयान पर आधारित है। उनके पास कोई सबूत नहीं है, वर्मा ने कहा कि उस मैगजीन के खिलाफ वे कोर्ट जाएंगे।
विनोद वर्मा के मुताबिक ढाई साल पहले उन्होंने गिरफ्तार आरोपी ASI चंद्रभूषण से भी मुलाकात की थी और उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर उनके नाम का दुरुपयोग किया गया तो वे कार्रवाई करेंगे। वर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने इस ऐप के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिसंबर 2022 में दुर्ग पुलिस को लिखा था।
ED की छापेमारी को डकैती करार देते हुए वर्मा ने कहा, मैंने अपनी पत्नी को मिले एक गोल्ड के गिफ्ट को छोड़कर, खरीदे गए गोल्ड के सभी बिल पेश किए। लेकिन उन्होंने फिर भी उनके घर में रखा सारा गोल्ड जब्त कर लिया कि इसका भुगतान आपने कैसे किया इसका जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने नकदी भी ले ली जो हमें मेरे बेटे की शादी के दिन उपहार के रूप में लिफाफे में मिली थी। यह एक डकैती है, एक लूट है।
विनोद वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वे इसके पीछे हैं और चुनाव से पहले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अमित शाह जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में चुनाव कौन जीतने वाला है। प्रधानमंत्री एक तानाशाह हैं और वह हर उस व्यक्ति पर बुलडोजर चला रहे हैं, जो उनके रास्ते में आता है या उनके खिलाफ बोलता है। वे हर उस व्यक्ति को चोट पहुंचाना चाहते हैं जो भूपेश बघेल के लिए काम कर रहा है। केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके या तो उन्होंने हमें धमकी दी या उन्होंने हमें सलाखों के पीछे डाल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों के दौरान भी इसी तरह मुझे गिरफ्तार किया था और मुझ पर दबाव डाला था । वर्मा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ही ऐसे ऑनलाइन सट्टेबाजी के ऐप को बढ़ावा दे रही है।