Nayab Singh Saini: नायब सिंह सैनी आज यानी गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पंचकूला में भाजपा मुख्यालय में नवनिर्वाचित विधायकों की 30 मिनट की बैठक के दौरान सैनी के नाम का प्रस्ताव रखने के लिए पार्टी के सबसे सीनियर विधायक अनिल विज को नियुक्त किया, जिन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था. नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी भी शामिल होंगे.
हरियाणा में भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने के कुछ ही घंटों बाद नायब सिंह सैनी ने बुधवार को अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया. सैनी (54) गुरुवार को दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे, जबकि भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. भाजपा ने परंपरा से हटकर घोषणा की थी कि अगर पार्टी सत्ता में लौटी तो सैनी (जो मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह लेने वाले ओबीसी नेता हैं) ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे. भाजपा कुल 90 में से 48 सीटें जीतकर सत्ता में आई। इसने तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल किया है.
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सैनी ने क्या कहा?
विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सैनी ने कहा था कि हरियाणा हरि प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है. मेरा सौभाग्य है कि सर्वसम्मति से मुझे भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया है और हमें सेवक बनकर अपने 2.80 करोड़ परिवार-जनों की सेवा का अवसर मिल रहा है. आज हम सब का सौभाग्य है दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन और नेतृत्व हमारे पास है.
उन्होंने कहा कि एक बार फिर डबल इंजन की सरकार में हरियाणा को कैसे नॉन-स्टॉप अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित किया जाए इस मिशन के लिए काम करना है. हम सभी कार्यकर्ता इस प्रक्रिया के साथ,सेवा के इस मिशन के साथ जुड़कर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं. आज एक बार फिर जब पार्टी ने मुझे अवसर दिया है तो यहां पर केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में पधारे देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं.
अमित शाह ने कहा कि विधायक कृष्ण कुमार बेदी और अनिल विज ने सैनी के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने मंजूरी दे दी. मैं सैनी को विधायक दल का नेता घोषित करता हूं. शाह ने कहा कि आज का दिन भाजपा और हरियाणा के लोगों के लिए शुभ दिन है उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सैनी को बधाई दी और राज्य में भाजपा की जीत का श्रेय पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों को दिया. इससे पहले 12 मार्च को जब चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में आयोजित बैठक के दौरान भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर के उत्तराधिकारी के रूप में सैनी का नाम घोषित किया, तो विज अचानक बैठक छोड़कर चले गए, अपनी सुरक्षा छोड़ दी और अंबाला में अपने आवास पर जाने के लिए एक निजी कार ले ली. अफ़वाहें उड़ीं कि अनुभवी नेता विज जूनियर सैनी को अपना वरिष्ठ मानने को तैयार नहीं थे. अपने असंतोष का संकेत देते हुए विज ने 13 मार्च को सैनी के शपथ लेने के बाद उनकी कैबिनेट में कोई भी मंत्री पद लेने से इनकार कर दिया था.
सैनी की ओर हमेशा झुका दिखा केंद्रीय नेतृत्व
हालांकि विज और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार के दौरान संकेत दिया था कि वे सीएम पद के दावेदार हैं, लेकिन नेतृत्व हमेशा सैनी के पक्ष में झुका हुआ दिखाई दिया. खट्टर की ओर से समर्थित होने के बावजूद सैनी की मिलनसार शैली और सुलभता ने उनके पूर्ववर्ती के दो कार्यकालों की अप्रिय यादों को दूर करने में मदद की, जिन्होंने भर्ती में पारदर्शिता लाकर सद्भावना अर्जित की थी, ताकि ‘नौकरी के लिए नकद’ योजना को समाप्त किया जा सके, जिसे व्यापक रूप से कांग्रेस के दशक भर के शासन के दौरान प्रचलित माना जाता था, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान उनकी ‘कठोर शैली’ ने सरकार और लोगों के बीच एक दीवार खड़ी कर दी. सैनी उस अंतर को पाटने में कामयाब रहे, जबकि उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि एक बड़ा चुनावी लाभ साबित हुई.