पृथ्वी और चांद की भी खींची खूबसूरत तस्वीर…आदित्य एल-1 ने ली सेल्फी
नई दिल्ली। सूर्य मिशन पर निकले भारत के आदित्य एल-1 ने अपनी सेल्फी ली है। साथ ही अंतरिक्ष से पृथ्वी और चांद की दो खूबसूरत तस्वीरें भेजी है। आदित्य एल-1 ने पृथ्वी और चांद की खूबसूरत तस्वीरें 4 सितंबर को ली हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को इन तस्वीरों को साझा किया है। इसरो ने एक्स पर अपने पोस्ट में आदित्य एल-1 को ताकाझांकी करने वाला बताया है। इतना ही नहीं आदित्य एल-1 ने अंतरिक्ष से पृथ्वी और चांद का खूबसूरत वीडियो भी भेजा है। वीडियो में आदित्य एल-1 के वेल्क और सूट को दिखाया गया है।
उल्लेखनीय है कि, आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। अभी तक आदित्य एल-1 ने दो अर्थ बाउंड मैन्यूवर्स सफलतापूर्वक पार कर लिए हैं। आदित्य एल-1 चार महीने का सफर तय कर सूरज और पृथ्वी के बीच स्थित एल-1 प्वाइंट तक पहुंचेगा। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम X पर पोस्ट कर बताया है कि आदित्य एल-1 में लगे कैमरे ने सेल्फी ली है। आदित्य एल-1 में लगे दो पेलोड्स VELC और SUIT की तस्वीर भी साफ दिखाई दे रही है। वीडियो में आदित्य एल-1 के कैमरे ने पृथ्वी और चांद का भी वीडियो बनाया है।
क्या है आदित्य एल-1 मिशन
आदित्य एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन है। इसके साथ ही इसरो ने इसे पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन कहा है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना है जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर है। दरअसल, लैग्रेंजियन बिंदु वे हैं जहां दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले सभी गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को निष्प्रभावी कर देते हैं। इस वजह से एल1 बिंदु का उपयोग अंतरिक्ष यान के उड़ने के लिए किया जा सकता है।
ये है मिशन का उद्देश्य
भारत का महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य एल-1 सौर कोरोना (सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग) की बनावट और इसके तपने की प्रक्रिया, इसके तापमान, सौर विस्फोट और सौर तूफान के कारण और उत्पत्ति, कोरोना और कोरोनल लूप प्लाज्मा की बनावट, वेग और घनत्व, कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र की माप, कोरोनल मास इजेक्शन (सूरज में होने वाले सबसे शक्तिशाली विस्फोट जो सीधे पृथ्वी की ओर आते हैं) की उत्पत्ति, विकास और गति, सौर हवाएं और अंतरिक्ष के मौसम को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करेगा।