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ED का बड़ा एक्शन, सुखपाल सिंह खैरा का चंडीगढ़ स्थित घर जब्त किया

पंजाब के कांग्रेस विधायक विधायक सुखपाल सिंह खैरा के आवास समेत कम से कम अन्य 10 जगहों पर ईडी ने रेड मारी है. ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चंडीगढ़ में भोलाथ कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा के सेक्टर 5 स्थित घर को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने पंजाब के कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और अन्य के खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े धन शोधन मामले में चंडीगढ़ में उनके 3.82 करोड़ रुपये मूल्य के घर को कुर्क कर लिया है. 

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए खैरा ने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस घटनाक्रम के बारे में पता चला और उन्होंने इसे “पूरी तरह से चरित्र हनन” बताया. जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि चंडीगढ़ के सेक्टर 5 में स्थित संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क करने के लिए 8 मार्च को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आदेश जारी किया गया है.

ईडी ने आरोप लगाया कि खैरा ने अपने “करीबी सहयोगी” गुरदेव सिंह और उसके विदेश स्थित सहयोगियों द्वारा संचालित एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट से उत्पन्न 3.82 करोड़ रुपये की अपराध आय “अर्जित की और उसका उपयोग किया. इसमें कहा गया है, खैरा द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के लिए प्रदान किए गए संरक्षण/मार्ग के बदले में, सिंह ने खैरा को 3.82 करोड़ रुपये का नकद भुगतान किया और अवैध मादक पदार्थों के कारोबार से प्राप्त अपराध की आय से उसके चुनाव अभियान को भी वित्तपोषित किया.

खैरा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में ईडी से कोई नोटिस नहीं मिला है और उन्होंने भाजपा पर विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “मुझे अभी मीडिया के माध्यम से पता चला है कि ईडी ने मेरे चंडीगढ़ आवास को कुर्क कर लिया है, जिसके बारे में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे ईडी या किसी अन्य सरकारी स्रोत से इस बारे में कोई नोटिस नहीं मिला है. अगर खबर सही भी है, तो मुझे इसकी सूचना दी जानी चाहिए थी, न कि मीडिया को खबर जारी की जानी चाहिए थी.”

60 वर्षीय नेता ने 2017 में कपूरथला जिले की भोलाथ विधानसभा सीट से आप के टिकट पर पंजाब विधानसभा चुनाव जीता था. हालांकि, उन्होंने जनवरी 2019 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अपनी खुद की पार्टी पंजाब एकता पार्टी बना ली. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2022 के राज्य चुनाव में भोलाथ सीट से जीत हासिल की.

खैरा के खिलाफ ईडी का मामला क्या है?
नवंबर 2011 में, ईडी ने अपनी जांच के तहत खैरा को गिरफ्तार किया और जनवरी 2022 में मोहाली की एक विशेष पीएमएलए अदालत में उनके और गुरदेव सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया. ईडी के अनुसार, गुरदेव सिंह कपूरथला जिले के ढिलवां में मार्केट कमेटी के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए और 2022 के राज्य चुनाव में भोलाथ सीट से जीत हासिल की.

खैरा के खिलाफ ईडी का मामला क्या है?
नवंबर 2011 में ईडी ने अपनी जांच के तहत खैरा को गिरफ्तार किया और जनवरी 2022 में मोहाली की एक विशेष पीएमएलए अदालत में उनके और गुरदेव सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया. ईडी के अनुसार, गुरदेव सिंह कपूरथला जिले के ढिलवां में मार्केट कमेटी के चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे. एजेंसी ने कहा कि एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2020 के बीच खैरा और उनके परिवार के सदस्यों ने 6.61 करोड़ रुपये खर्च किए, इसके अलावा 3.82 करोड़ रुपये का “बेहिसाब” खर्च भी हुआ, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से “अधिक” है. मार्च 2021 में मामले में की गई तलाशी के दौरान ईडी द्वारा “हस्तलिखित” नोटबुक जब्त करने के बाद यह बात सामने आई. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पंजाब पुलिस द्वारा गुरदेव सिंह और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से जुड़ा है. ईडी के अनुसार, पंजाब की एक स्थानीय अदालत ने 2017 में सिंह और आठ अन्य को ड्रग तस्करी के आरोप में दोषी ठहराया था.

Desk idp24

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