cannes film festival: छत्तीसगढ़ की फिल्म बैलाडीला ने ली कांस में एंट्री, लेकिन पैसे के अभाव में डायरेक्टर यही अटके
रायपुर। क्राउडफंडिंग से बनी छत्तीसगढ़ की फिल्म बैलाडीला कांस पहुंच गई। लेकिन डायरेक्टर के पास पैसे के अभाव के चलते वह नहीं पहुंच पाए। ऑस्कर की तरह कांस फेस्टिवल में अपनी फिल्म दिखाना हर निर्देशक का सपना होता है कुछ इसी तरह का सपना छत्तीसगढ़ के युवा फिल्म निर्देशक शैलेंद्र साहू ने भी देखा था, उनका सपना भी पूरा हुआ,लेकिन आधा अधूरा।
उनकी फिल्म बैलाडीला उन पांच फिल्मों में शामिल है जिन्हें कांस में एंट्री मिली। क्राउडफंडिंग से बनी यह फिल्म तो वहां पहुंच गई लेकिन आने जाने के लिए पैसे ना होने से निर्देशक यही अटक गए। राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम ने कनाडा में 17 से 28 मई तक चलने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल के लिए मार्चे डू फिल्म सेक्शन के तहत फिल्म बाजार कैटिगरी में पांच फिल्मों का चयन किया है इसमें छत्तीसगढ़ की एक फिल्म बैलाडीला भी कांस में दिखाई जाएगी। लेकिन पैसों के अभाव में शैलेंद्र वहां नहीं पहुंच पाए। हालांकि उन्होंने खूब प्रयास किए लेकिन ना पैसों का इंतजाम हो पाया और ना ही कोई सरकारी मदद मिल पाई।
छत्तीसगढ़ की प्रतिभा बढ़ाने वाले को सरकार की नहीं मिली मदद
छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने वाले शैलेंद्र ने सरकारी सहायता पाने के लिए काफी कोशिश की है। हालांकि सीएम सचिवालय के एक अफसर से उन्होंने फोन पर बात की तो उन्होंने ईमेल करने को कहा था। लेकिन ईमेल से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। छत्तीसगढ़ की प्रतिभाओं को पूरे विश्व में पहचान दिलाने के लिए कलाकार अपने जी जान लगाकर मेहनत करते हैं। लेकिन यहां के कलाकारों को सरकारी मदद नहीं मिल पाने की वजह से उन्हें अपना सपना अधूरा ही छोड़ना पड़ता है। छत्तीसगढ़ की फिल्म को कान्स में एंट्री मिलना यह उस कलाकार ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी गौरव की बात है लेकिन दुख की बात है कि इन प्रतिभाशाली लोगों को सरकार की कोई मदद ही नहीं मिल पाती।