बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर की दरबार में दिखाया चमत्कार! बोले- अब कोई ना दें चुनौती

रायपुर : बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर पूरे देश में विवाद जारी है, आरोप है कि वो अपनी सभा में चमत्कार के नाम पर पाखंड करते हैं, अँधविश्वास फैलाते हैं। नागपुर की सभा में उन्हें चमत्कार साबित करने की चुनौती तक दी गई..लेकिन धीरेंद्र शास्त्री ने चुनौती स्वीकार की रायपुर की सभा में. चमत्कार दिखाया और चुनौती भी दी कि अब किसी सनातन संत की तपस्या शक्ति पर कोई सवाल ना करें, कोई चुनौती ना दें।
रायपुर के गुढ़ियारी हांडी मैदान पर उमडी ये अपार जन समूह..बागेश्वर धाम सरकार के दिव्य दरबार की है.. दिव्य दरबार, यानि प्रभु बागेश्वर की कृपा से दुख, दीनियों की मुश्किलों को दूर करने का दरबार. दरबार सजा है, और देश दुनिया के दर्जनों खबरिया चैनल लाइव हैं, क्योंकि आज धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कार को लाइव साबित करने वाले हैं।
दरबार शुरू होता है.. ईश्वर की पूजा अर्चना कर अब धीरेंद्र शास्त्र सिद्ध शक्ति के स्वामी हैं.. लाखों की भीड़ में अर्जी लगाकर बैठे भक्त हैं.. धीरेंद्र शास्त्री कुछ नाम पुकारते हैं.. वो मंच पर आते हैं. उनसे बिना कुछ पूछे, बिना कुछ जाने धीरेंद्र शास्त्री उनके सुख दुख को कागज पर उतार कर दे देते हैं। साथ ही ईश्वर कृपा से सब ठीक होने का आशिर्वाद देते हैं. भक्त विहल हैं, आंखों में अगाध भक्ति के आंसू हैं.. और कैमरे पर बागेश्वर सरकार की जयजयकार हैं।
दरबार जारी है.. अब वक्त पत्रकारों से अग्नि परीक्षा कराने की हैं. दर्जनों पत्रकारों की भीड़ से वो रायपुर की महिला पत्रकार को चुनते हैं.. कहते हैं, जाओ, भीड़ में किसी भी एक को चुन कर ले आओ, वो भूत भविष्य बता देंगे… रायपुर की महिला पत्रकार एक को चुनती है,, अब मंच पर है, अपनी व्यथा सुना रही है.. आशिर्वाद पाकर नीचे उतरने के बाद ये महिला पुलिस की एएसआई निकली.. पूरी आस्था बताती हुई नतमस्तक है। इसके बाद वो एक नेशनल चैनल के पत्रकार को चुनते हैं.. और उनके कथित चमत्कार देख वो युवा पत्रकार भी नतमस्तक हो जाता है..
अब धीरेंद्र शास्त्री प्रचंड हैं, प्रखर हैं.. वो गरजते हैं, ललकारते हैं.. कि सनातम संत की तपस्वी शक्ति को अब कोई ना ललकारे.. अब वो कोई परीक्षा न देंगे, अब वो कोई प्रमाण ना देंगे. अब प्रमाण मांगने वालों का, पाखंड करने वालों का बहिष्कार होगा.. धीरेंद्र शास्त्री ने चुनौती उन ईसाई मिशनरी और मुस्लिम धर्मगुरुओं को दी है.. जो चमत्कार करने का दावा करते हैं… ये चुनौती है कि जिस तरह उन्होंने कैमरे पर ये साबित किया, वो भी करके दिखाए.।
करीब दो घंटे तक चमत्कार का दरबार खत्म हुआ.. कल और परसो फिर से अर्जी लेने का आश्वासन है.. लाखों की भीड़ बाहर निकल रही है.. वो भी जिसकी मन्नतें पूरी हुई.. और वो भी जिनकी नहीं हुई, क्योंकि विश्वास प्रगाढ़ होकर आस्था और उससे भी ज्यादा भक्ति में तब्दील हो चुकी है। पांडाल के बाहर, अपने अपाहिज बच्चों को लेकर पैरेंट्स व्हील चेयर पर लाए थे, इस उम्मीद में कि अर्जी लग जाए, और बच्चों के जीवन में चमत्कार हो जाए, अर्जी नहीं लगी, लेकिन फिर भी कोई दुख नहीं, आस्था है, भक्ति है।