
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को देखते हुए दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस जोरदार तरीके से सक्रिय हैं और जीत की कोशिशों में लगी हुई हैं। दोनों की पार्टियां जनता को लुभाने के लिए अलग-अलग तरह के वादे कर रही है। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर ये बात कही है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। यह बात मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा के सम्मलेन में कही।
विधानसभा सीटें देने की मांग
इस सम्मलेन में दिग्विजय सिंह आंखों में इन्फेक्शन के चलते शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उन्होंने सन्देश भिजवाया कि, वो कल भी पिछड़ा वर्ग के साथ थे, आज भी हूँ और कल भी रहूँगा। इस सम्मलेन में ओबीसी समाज ने पसीसी कमलनाथ को ज्ञापन देकर 115 विधानसभा सीटें देने की मांग की।
खुलेगी पोल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी 55 फीसदी है। सरकार जातिगत जनगणना इसलिए नहीं करवा रही है क्योंकि इसके इनकी पोल खुल जाएगी। कांग्रेस की सरकार आने पर जातिगत जनगणना करवाई जाएगी जिससे जानकारी मिल सके कि, चाहे वे ब्राह्मण हों, राजपूत हों, लोधी हों, या कुर्मी हों सभी को पता चल सके कि, समाज में गरीब लोगों को कौन सी परेशानी है।’
पुरानी पेंशन बहाल
कमलनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि प्रदेश में आउटसोर्स की नीति भी बनाई जाएगी और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। इसके लिए कांग्रेस वचनबद्ध है। इसके अलावा, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने भी कहा कि कांग्रेस की सरकार में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया गया था। बीजेपी सरकार कोर्ट में इसपर प्रभावी तरीके से पक्ष नहीं रख सकी, इस वजह से आरक्षण पर रोक लगा दी गई।
शिवराज सरकार पर बोला हमला
कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, ‘शिवराज सिंह चौहान ने 18 साल में कितनी घोषणा की, घोषणा मशीन अब डबल इंजन से चल रही है। मैंने कहा कि मैं महिलाओं को 1500 रुपए दूंगा तो वो कह रहें हैं कि हम 3000 देंगे। इससे ज्यादा खुशी की बात क्या हो सकती है। सरकार ने ठेके देकर 25 फीसदी कमीशन लिया सरकार इतना कर्ज लेकर आखिर करती क्या है ? बड़े-बड़े ठेके देकर 25 प्रतिशत कमीशन लिया शिवराज सरकार ने हमें बेरोज़गारी, महिला अत्याचार और आत्महत्या में नबर वन प्रदेश सौंपा था।’