रायगढ़ : पत्रकारिता की आड़ में गुंडागर्दी…पत्रकार सत्यजीत घोष ने थाना प्रभारी के सामने की बदतमीजी…गरीब ऑटो चालक को पीटा

(रायगढ़ रिपोर्टर दीपक ) पत्रकारिता जैसे जिम्मेदार पेशे को शर्मसार करने वाली एक घटना मंगलवार सुबह रायगढ़ रेलवे स्टेशन और कोतवाली थाना परिसर में सामने आई। सुबह लगभग 10 बजे, रिंकू दास महंत नामक एक ऑटो चालक रोज की तरह रेलवे स्टेशन पर सवारी की तलाश में खड़ा था, तभी एक युवक से ऑटो साइड को लेकर उसका विवाद हो गया। रिंकू द्वारा विरोध करने पर युवक जातिगत गाली-गलौच और मारपीट पर उतर आया।
युवक के नशे में होने का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब रेलवे पुलिस जवान ने उसे शांत करने की कोशिश की, तो वह उनसे भी उलझ पड़ा। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई, लेकिन युवक ने जीप में बैठने से इनकार कर दिया और भीड़ की मदद से जबरन उसे वाहन में बैठाया गया।
पत्रकार का दबाव, थाना प्रभारी की चुप्पी
घटना की सूचना मिलते ही कुछ पत्रकार थाने पहुंचे। इसी दौरान पत्रकार सत्यजीत घोष ने थाना प्रभारी के सामने ही ऑटो यूनियन अध्यक्ष को अपमानजनक शब्दों से नवाजा और कथित रूप से “चोर चमार” जैसे जातिसूचक शब्द कहे। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि यह सब कुछ कोतवाली थाना प्रभारी के केबिन में उनकी उपस्थिति में हुआ, लेकिन उन्होंने चुप्पी साधे रखी।
घटना का CCTV फुटेज मौजूद है जो सच्चाई को उजागर करने में सहायक हो सकता है।
ऑटो संघ ने जताया आक्रोश
ऑटो यूनियन के अध्यक्ष ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर मामले में एकतरफा कार्रवाई की गई तो पूरे रायगढ़ में कोई भी ऑटो चालक वाहन नहीं चलाएगा और अपने ऑटो छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री ओपी चौधरी के समक्ष सौंप देंगे।
निष्कर्ष:
पत्रकारिता अगर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है तो उसे आम नागरिकों की आवाज़ बनने का दायित्व है, न कि धौंस और दबाव का माध्यम। ऐसे मामलों में निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है ताकि कानून व्यवस्था पर आम जनता का भरोसा बना रहे।