BilaspurChhattisgarh

करंट हादसे में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: मृतक परिवार को 7.68 लाख मुआवजा, बिजली कंपनी की अपील खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने करंट से हुई मौत के मामले में मृतक के परिवार को 7,68,990 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने बिजली कंपनी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि बिजली सप्लाई से जुड़े कार्य स्वभाव से ही खतरनाक होते हैं, इसलिए हादसे की जिम्मेदारी विभाग की होगी, चाहे सीधी लापरवाही साबित न भी हो।

Related Articles

क्या है पूरा मामला
जांजगीर-चांपा जिले के पिकरीपार निवासी 40 वर्षीय चित्रभान कृषि कार्य और दैनिक मजदूरी से परिवार चलाते थे। 6 मई 2021 को घर लौटते समय झूल रही लो-टेंशन सर्विस वायर से करंट लगने पर उनकी मौत हो गई। मृतक की पत्नी शांति बाई और तीन बेटियों ने 28.90 लाख रुपये का मुआवजा मांगते हुए बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया।

बिजली कंपनी की लापरवाही साबित
गांव वालों ने कई बार बिजली विभाग को ढीले तार की जानकारी दी थी, लेकिन समय पर मरम्मत नहीं की गई। हादसे के दिन भी तार ठीक नहीं था, जिससे यह दुर्घटना हुई। ट्रायल कोर्ट ने फरवरी 2024 में 4 लाख रुपये का मुआवजा तय किया, लेकिन मृतक परिवार ने इसे अपर्याप्त बताते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाई कोर्ट का निर्णय
जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की सिंगल बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के शैल कुमारी बनाम एमपी इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड फैसले का हवाला देते हुए ‘स्ट्रिक्ट लाइबिलिटी’ लागू की। कोर्ट ने कहा कि बिजली आपूर्ति कार्य जोखिमभरा है, इसलिए विभाग इस जिम्मेदारी से बच नहीं सकता। नतीजतन, हाई कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाकर 7,68,990 रुपये कर दिया और तीन महीने में भुगतान का आदेश दिया। साथ ही, इस राशि पर 6% वार्षिक ब्याज भी लागू होगा।

Desk idp24

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!