ISRO जासूसी मामला : नंबी नारायणन को फंसाने के आरोपियों को SC से बड़ा झटका, जमानत रद्द
नई दिल्ली। इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को झूठे केस में फंसाने के आरोपियों की अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इससे पहले केरल हाईकोर्ट की तरफ से आरोपियों को अग्रिम जमानत दी गई थी, जिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन बनाने में लगे वैज्ञानिक नंबी को जासूसी के झूठे केस में फंसाया गया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से ज़मानत पर सिरे से विचार करने को कहा है। दरअसल साल 1994 में मशहूर साइंटिस्ट नंबी नारायणन को जासूसी के झूठे केस में फंसाया गया था। इसके चलते क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन हासिल करने के भारत के प्रयासों को धक्का लगा था। उसमें कई सालों की देरी हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व जज डीके जैन की अध्यक्षता वाली कमिटी ने मामले की जांच की। कमिटी ने पाया कि पुलिस और आईबी के 5 पूर्व अधिकारी इस साज़िश में शामिल थे। इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल, 2021 को सीबीआई से मुकदमा दर्ज करने को कहा।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने जब केस दर्ज किया, उसके बाद एक-एक कर पांचों अधिकारियों- सिबी मैथ्यूज, पी एस जयप्रकाश, आर बी श्रीकुमार, थंपी एस दुर्गा दत्त और विजयन को केरल हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत दे दी। हाईकोर्ट ने इसे पुराना मामला बता कर सबको अग्रिम जमानत दी। यह भी कह दिया कि इन अधिकारियों के विदेशी ताकतों से संपर्क के सबूत नहीं हैं। इस तरह जांच को किसी नतीजे तक पहुंचा पाना कठिन होगा।
जांच एजेंसी ने यह भी कहा था कि जिस वैज्ञानिक को भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया। सुप्रीम कोर्ट ने 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया, उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामला वापस केरल हाई कोर्ट भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाई कोर्ट पहले की गई किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना दोबारा सुनवाई करे। बेंच ने यह भी कहा है कि हाई कोर्ट 4 हफ्ते में मामले पर सुनवाई पूरी करने की कोशिश करे। अगले 5 हफ्ते तक या हाई कोर्ट का फैसला आने तक इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी।