बुल्ली बाई केस में एक और गिरफ्तारी, जानिए आखिर क्या है बुल्ली बाई मामला
नई दिल्ली। देश भर में सुर्खियां बटोर रहे बुल्ली बाई केस में अब एक और गिरफ्तारी की बात सामने आई है। इस मामले में एक और युवक को असम के जोरहाट से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी 20 वर्षीय नीरज बिश्नोई वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। इसी ने विवादित ऐप गिटहब तैयार किया था। वीआईटी ने उसे निष्कासित कर दिया है। बता दे इससे पहले मुंबई पुलिस ने इस ऐप की मास्टरमाइंड उत्तराखंड की रहने वाली 18 साल की युवती को उधम सिंह नगर जिले से और दो युवकों को गिरफ्तार किया था।
इस मामले में अब एक अहम खुलासा हुआ है। सूत्रों की माने तो आरोपी युवती श्वेता सिंह कथित तौर पर नेपाल में स्थित एक सोशल मीडिया के मित्र के निर्देश पर काम कर रही थी। सूत्रों के अनुसार श्वेता सिंह से मिली प्राथमिक जानकारी से पता चला है कि जियाउ नाम का एक नेपाली नागरिक एप पर उसे निर्देशित कर रहा था। मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने मास्टरमाइंड श्वेता सिंह के लिए 5 जनवरी तक ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी।
आखिर क्या है बुल्ली बाई ऐप
बुल्ली बाई ऐप लोगों को बरगलाने और वित्तीय लाभ कमाने के लिए देश भर में एक संदिग्ध समूह द्वारा विकसित एक एप है। जिनमें से कुछ लोगों का पहचान होना अभी बाकी है।
एप को बनाने के पीछे का मकसद भारतीय महिलाओं (ज्यादातर मुस्लिम) की नीलामी के लिए रखना और बदले में पैसा कमाना है।
बुल्ली बाई जैसी घटनाओं में, साइबर अपराधी इंटरनेट से लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्स, प्रभावशाली लोगों, पत्रकारों आदि की तस्वीरें लेते हैं और उनका उपयोग अपने वित्तीय लाभ के लिए करते हैं।
ये ऑनलाइन स्कैमर्स सोशल मीडिया अकाउंट से इन महिलाओं की तस्वीरें चुराते हैं और उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर देते हैं। इसलिए इन महिलाओं को हमेशा अपनी प्रोफाइल को लॉक करके रखना चाहिए या अपनी प्रोफाइल को प्राइवेट रखना चाहिए।
एप पर प्रोफाइल में पीड़ितों की फोटो और दूसरे पर्सनल डिटेल शामिल थे, जो महिलाओं की सहमति के बिना बनाई गई और शेयर किए जा रहे थे।
ट्विटर पर बुल्ली बाई एप से कई पोस्ट शेयर होने के तुरंत बाद, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐसे अपमानजनक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया।