माशिमं में भी हो रही राजनीति, 20 सदस्यों की नियुक्ति में बीजेपी और मेडिकल स्टोर वाले को प्राथमिकता
रायपुर। प्रदेश में राजनीति की लहर इस हद तक हावी हो चुकी है कि, शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया। कांग्रेस के सत्ता में आने से पूर्व और शासन में आने के बाद तक जिन सदस्यों ने अपनी पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया अब उनके साथ ही भेदभाव का खेल शुरू हो गया है। जिससे कांग्रेसी सदस्यों में जमकर रोष व्याप्त है।
दरअसल राज्य शासन ने माध्यमिक शिक्षा मंडल में 20 नए सदस्यों की नियुक्ति की है। लेकिन इसमें गौर करने वाली बात यह है कि, जिन 20 सदस्यों की नियुक्ति राज्य शासन द्वारा की गई है उनमें दो ऐसे नाम शामिल हैं जिनमें से एक मेडिकल स्टोर संचालक है, तो वहीं दूसरा भाजपा नेता और संघ के सदस्य हैं। परसराम बोहरा जिन्होंने भाजपा शासनकाल में 9 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी है। तो वहीं दूसरी ओर रविंद्र प्रताप टुटेजा जो अंबिकापुर में मेडिकल एजेंसी संचालित कर रहे हैं। उन्हें इन 20 सदस्यीय नियुक्ति में शामिल किया गया है।
कांग्रेस के शासनकाल में कांग्रेसी सदस्यों को जो इस नियुक्ति में शामिल होने के प्रबल दावेदार थे ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता को नियुक्त करना यह बात हजम करने योग्य नहीं। वहीं एक मेडिकल संचालक जिनका दूर-दूर तक इस मामले में कोई सरोकार नहीं उनकी नियुक्ति करना यह भी हैरान करने वाली बात है।
सूत्रों की माने तो इन दोनों की नियुक्ति में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव विजय गोयल का बड़ा हाथ माना जा रहा है। बहर हाल इन दोनों की नियुक्ति से कांग्रेसी सदस्यों में जमकर आक्रोश है। उनका कहना है कि योग्य होने के बावजूद भी उनकी नियुक्ति ना कर संघ के सदस्य और मेडिकल संचालक की नियुक्ति कर दी गई। यह सरासर हमारे अन्याय है।