ChhattisgarhRaipur

मुख्यमंत्री के आदेशों पर पलीता लगा रहे पुलिस अधिकारी भ्रष्टाचार को दे रहे बढ़ावा

रायपुर। प्रदेश में जितनी मुस्तैदी पुलिस प्रशासन अपराधियों को पकड़ने,अपराधों को नियंत्रित करने में नहीं दिखा रही है उससे ज्यादा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में दिखा रही है। यही कारण है कि इन दिनों अवैध परिवहन व अवैध कार्यों के गोरखधंधे प्रदेश में खूब फल फूल रहे हैं।

शायद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी आशंका के चलते साथ ही भ्रष्टाचार में लगाम लगाने की पहल करते हुए किसी भी पुलिस अधिकारी,कर्मचारी को 3 साल से ज्यादा एक ही जगह में कार्य नहीं करने के निर्देश दिए थे ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की बिक्री में रोक लग सके। इसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन सीएम श्री बघेल के निर्देशों की अवहेलना करने के लिए आमद है और यही कारण है कि आज तक 3 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद बहुत से भ्र्ष्ट पुलिसकर्मियों व अधिकारियों के तबादले नहीं हो रहे जिसके चलते वह अपनी वसूली की दुकान चलाने में सक्रिय है।

इसी तारतम्य में एक और नाम जुड़ जाता है टीआई दीपेश जायसवाल का जिनके अवैध कारनामों का खुलासा हर उस जगह से हुआ है जहां जहां पर वह नियुक्त हुए थे। महासमुंद में रहते हुए उन्होंने तो वसूली की एक नई पटकथा ही लिख दी और शहर से बाहर नेशनल हाईवे में अपने सहकर्मियों मानसिंह, विक्रम पांडे सहित अन्य को कोरोना जांच की आड़ में ट्रकों से अवैध पैसा वसूलने के काम में लगा दिया।

इस बात का खुलासा तब हुआ जब उनके ही विभाग के एक अधिकारी ने इन्हें रंगे हाथों पकड़ते हुए इन पर जांच के भी आदेश करवा दिए लेकिन अभी तक कोई कड़ी कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं हुई है।

वर्तमान में भले ही दीपेश जायसवाल को बागबाहरा की जिम्मेदारी सौंपी गई है पर मानसिंह ने अभी भी महासमुंद बैठकर इस अवैध कार्य को बदस्तूर जारी रखा है।

वैसे तो कानून कहती है कि जिस पुलिस अधिकारी पर विभागीय जांच चल रही हो उसे कोई भी बड़े जिम्मेदार पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता पर छत्तीसगढ़ में कानून का एक अलग ही नया इतिहास रचा जा रहा है। जिसका फायदा दीपेश जायसवाल और मान सिंह जैसे पुलिस वाले बखूबी उठाते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना छोड़ अपनी जेब भरने के लिए उठा रहे हैं।

एक मछली पूरे तालाब को गंदा करती है यही कारण है कि पुलिस विभाग में दीपक जायसवाल मानसिंह जैसे भ्रष्ट अधिकारियों के चलते इमानदारी से अपना कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों के ऊपर भी बेईमानी के छींटे पड़ रहे हैं।

Nitin Lawrence

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