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Chaitra Navratri :चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना के लिए महज 50 मिनट का शुभ समय, जानें कब करें कलश स्थापना

Chaitra Navratri : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा है। इस बार पहला नवरात्रि व्रत 30 मार्च को है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। घटस्थापना के साथ ही देवी का आवाहन किया जाता है। घटस्थापना के साथ ही मां दुर्गा का वास अगले 9 दिनों के लिए घर में हो जाता है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग अलग 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन 30 मार्च को घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का समय कब से कब तक रहेगा।

श्रीमद्देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी का आवाहन सुबह के समय किया जाता है। घटस्थापना को चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग को करना भी वर्जित माना जाता है। 30 मार्च 2025 को सुबह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा उदय व्यापिनी है। इसलिए इस दिन ही घटस्थापना की जाएगी।

चैत्र नवरात्रि 2025 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना करना सबसे उत्तम माना जाता है। 30 मार्च रविवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह में 12 बजकर 1 मिनट से 1 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। ऐसे में घटस्थापना के लिए 50 मिनट का यह मुहूर्त सबसे शुभ रहेगा।

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने के साथ ही मां दुर्गा का पूजन किया जाता है। मान्यता के अनुसार, दुर्गा उपासना द्विस्वभाव लग्न में मां दुर्गा की उपासना करना अच्छा माना जाता है। द्विस्वभाव लग्न मीन में घटस्थापना करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए सुबह 6 बजकर 3 मिनट से 7 बजकर 9 मिनट तक का समय भी घटस्थापना के लिए अच्छा रहेगा।

क्यों की जाती है घटस्थापना
कलश को तीर्थों का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में कलश स्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कलश के अलग अलग भागों में त्रिदेवों का वास होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ पर भगवान शिव और मूल में ब्रह्माजी का स्थान माना गया है। कलश के मध्य भाग में मातृ शक्तियों का निवास होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है।

Desk idp24

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