अब राज्यपाल के खिलाफ लगी याचिका , एक बार फिर आरक्षण का मामला पहुंचा हाइकोर्ट

बिलासपुर। आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंच गया है,अधिवक्ता हिमांक सलूजा ने आरक्षण बिल पास होने के बाद राज्यपाल के द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए जाने के विरुद्ध एक रिट याचिका प्रस्तुत कर दिया है, हालांकि अगली सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं है।
बतादें की छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है, इससे पहले बढ़ाए गए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद 58% से घटकर 50% आरक्षण हो गया है, जैसे ही सितंबर में हाईकोर्ट का आरक्षण को लेकर आदेश पारित हुआ था, उसके बाद से प्रदेश भर में आरक्षण को लेकर धरना प्रदर्शन और विरोध लगातार चल रहा है। इधर राज्य सरकार द्वारा आरक्षण को 50 से बढ़ाकर 76% किए जाने के बाद बिल पास करके राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया। तब से लेकर अब तक उस बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने को लेकर राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप तो चल ही रहा है। वहीँ अब यह मुद्दा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में भी रिट याचिका के रूप में लगा दिया गया है। याचिकाकर्ता ने मांग किया है कि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट राज्यपाल अनुसुइया उइके को निर्देशित करें कि वह जल्द से जल्द पास बिल पर हस्ताक्षर करें, ताकि प्रदेशभर के लोगों को आरक्षण का जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
बहरहाल देखना यह होगा कि दायर रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्ष अपना दलील क्या रखते हैं और हाईकोर्ट इस बढ़े हुए आरक्षण को लेकर अपना क्या फैसला सुनाता हैं ।