पुरुष नसबंदी पखवाड़ा 21 से शुरू, घर-घर जाकर बताया जायेगा परिवार नियोजन के फायदे
राजनांदगांव : परिवार नियोजन के लिए महिला नसबंदी के साथ ही पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में 21 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा शुरू किया जाएगा, जो कि 4 दिसंबर तक चलेगा। यह पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रमों के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष शिविर लगाकर पुरुष नसबंदी के फायदे बताए जाएंगे।
पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के पहले चरण में लाभार्थियों को पुरुष नसबंदी की जानकारी दी जाएगी और उन्हें इसे अपनाने के लिए तैयार किया जाएगा। जबकि दूसरे चरण में चिन्हित लाभार्थियों को सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस बारे में परिवार नियोजन विभाग की जिला नोडल अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया ने बतायाः पुरुष नसबंदी पखवाड़ा को दो चरण में बांटा गया है। इसमें पहला चरण मोबिलाइजेशन और दूसरा सेवा वितरण चरण के रूप में मनाया जाएगा। पहला चरण 21 से 27 नवंबर तक मनाया जाएगा। वहीं दूसरा चरण 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक मनाया जाएगा।
मोबिलाइजेशन
पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता मोर मितान मोर संगवारी का आयोजन करेंगे, जिसमें वह अपने क्षेत्र के समस्त लक्षित दंपतियों के पुरुषों से संपर्क कर व्यक्तिगत चर्चा में नसबंदी के फायदे बताएंगे, और साथ ही साथ समुदाय में फैले हुए पुरुष नसबंदी से संबंधित मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए परामर्शकरेंगे। इसी तरह सेवा वितरण चरण के अंतर्गत चिन्हित लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान की जाएगी।
इस संबंध में राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बंसोड़ ने बतायाः दो चरणों में मनाए जाने वाले पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में पुरुष नसबंदी सेवा और इसके फायदे को प्रदर्शित किया जाएगा। नसबंदी के तीन माह उपरांत (जांच में शुक्राणु संख्या शून्य पाए जाने पर ही) हितग्राही को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल माध्यम को भी प्रमुखता से अपनाया गया है। परिवार नियोजन में पुरुषों की भी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से जिले में मोबाइल वैन की व्यवस्था कर पुरुष नसबंदी के फायदे का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
सरल है पुरुष नसबंदी
पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी से अपेक्षाकृत अधिक सरल है। इसके बावजूद भ्रम, सामाजिक मान्यताओं और पुरुष प्रधान समाज होने के कारण लोग इसे अपनाने से कतराते हैं। पुरुष नसबंदी में बिना चीरा के नसबंदी के बाद व्यक्ति को किसी प्रकार के आराम की विशेष आवश्यकता नहीं पड़ता। इससे न ही किसी प्रकार की कमजोरी आती है और न ही यह वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। नसबंदी के बाद कम से कम तीन माह यौन संबंधों से परहेज रखना चाहिए अथवा कंडोम का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि शुरुआती 3 माह तक प्रजनन की स्थितियां रहती हैं।