कुंभकारों के घर पहुंचे कलेक्टर, मिट्टी के दीये बनाने की विधि का बारीकी से किया अवलोकन
मुंगेली : जिस प्रकार मिट्टी की खुशबू बरकरार है, उसी प्रकार मिट्टी के दीये की भी महत्ता बरकरार है. मिट्टी के दीये के उपयोग से लोगों को संतुष्टि मिलती है. इसे देखते हुए जिले में मिट्टी के काम करने वाले कुंभकार आज भी बड़ी मात्रा में मिट्टी के दीयों का निर्माण कर रहे हैं. कलेक्टर राहुल देव ने जिला मुख्यालय में स्थित कुम्हारपारा में शंकर कुंभकार और संतोष कुंभकार के घर पहुंचकर मिट्टी के दीये बनाने की विधि का बारीकी से अवलोकन किया.
इसके अलावा कलेक्टर ने लागत मूल्य और बिक्री से होने वाली आमदनी आदि के संबंध में जानकारी ली. वहीं उन्होंने छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति को सहेज कर रखने वाले कुंभकारों के कार्यों की सराहना की और उनसे मिट्टी के दीये खरीदकर दीये की राशि का भुगतान कर उनका उत्साहवर्धन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि दीपावली त्यौहार छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति से जुड़ा हुआ प्रमुख त्यौहार है.
इस त्यौहार में हर साल लाखों की संख्या में दीये जलाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि कुंभकार समाज बहुत मेहनती समाज है. उनमें काफी प्रतिभा और हुनर होता है. दीये के साथ बहुत सुंदर मूर्तियों सहित अन्य सामग्रियों का भी निर्माण करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कुम्भकारों और मिट्टी शिल्पियों के आर्थिक के साथ तकनीकी विकास के लिए छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड का गठन किया है. इसके माध्यम से पारंपरिक माटी शिल्पियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रशिक्षण, औजार, उपकरण सहायता, कार्यशाला अनुदान सहायता, अध्ययन प्रवास आदि के संबंध में जानकारी दी जा रही है, ताकि उनमें उद्यमिता कौशल विकास हो सकेगा.
कलेक्टर ने कुंभकारों के परंपरागत व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए जिले के लिए नागरिकों से दीपावली त्यौहार में मिट्टी के दिए सहित मिट्टी के अन्य सामग्री कुंभकारों से खरीदने की अपील की. इसके साथ ही उन्होंने छोटे व्यापारियों से भी लाई बताशा खरीदकर उन्हें प्रोत्साहित करने कहा. उन्होंने कहा कि इससे कुंभकार परिवारों और छोटे व्यापारियों को संबल मिलेगा और उनका बेहतर जीवकोपार्जन हो सकेगा. उन्होंने धनईया बाई की मांग पर उन्हें तत्काल मिट्टी के सामग्री निर्माण के लिए चाक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने टेराकोटा निर्माण विधि सीखने के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण शाला आयोजित करने की भी बात कही.
कलेक्टर से चर्चा के दौरान शंकर कुम्भकार ने बताया कि विगत 10 सालों से वे मिट्टी सेे विभिन्न सामग्रियों का निर्माण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर दिन 1 हजार दीये बनाते हैं. इसे बनाने से लेकर बाजार में विक्रय तक तीन से चार दिनों का समय लगता है. इससे उनके परिवार को जीविकोपार्जन हो जाता है. वे अपने इस कार्य से काफी खुश हैं. इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
सीएम बघेल ने की है लोगो से अपील
दरअसल, सीएम भूपेश बघेल ने आमजनो से अपील किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग कुम्हारों के घर से बनाये दीये की खरीदी करे,ताकि उनके घर भी दिवाली में रौशन हो सके,इसके अलावा उन्होंने छोटे व्यापारियों से भी खरीददारी करने की अपील किया है ।
यही वजह है कि जिले के कलेक्टर राहुल देव ने आमजनो को प्रेरित करने एवं कुम्हारों के हौसला बढ़ाने न सिर्फ उनके घर पहुँचे, बल्कि हालचाल जानते हुए उनसे दीये की खरीदी भी किये है।वही कलेक्टर ने जिलेवासियों से भी अपील किया है कि कुम्हारों के बनाये दीये भी लोग जरूर ख़रीदे.
नगरपालिका अध्यक्ष ने भी शहरवासियों से की अपील
इधर नगरपालिका के अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी ने भी शहर वासियों सहित जिले के लोगो से अपील किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप राज्य के पुरानी और सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने व कुम्हारों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उनके बनाये गए दीये की खरीदी जरूर करें.
उन्होंने कहा कि वे खुद भी परिवार सहित कुम्हार के यहां से दीये खरीदेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वे शहर के आम नागरिकों के अलावा रिश्तेदार और मित्रजनों को भी कुम्हार के घर से दीये खरीदने प्रेरित कर रहे हैं.