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इस दीवाली अंतिम घरों तक रोशनी पहुंचाना मेरा मुख्य उद्देश्य: विकास उपाध्याय

रायपुर। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली जिस दिन सभी के घर रोशनी से जगमगाते हैं तो कुछ घर ऐसे भी बच जाते हैं जहां रोशनी की लौ नहीं जल पाती। इन्हीं घरों को रोशन करने दीपोत्सव के पावन पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर रायपुर पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय ने एक नेक पहल की शुरुआत की। जिसके तहत उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के हर घर तक दीया पहुंचाने का लक्ष्य रखा।


इसके तहत रायपुर पश्चिम विधानसभा के विभिन्न क्षेत्र अग्रसेन चौक, रामनगर कबीर चौक,पहाड़ी चौक,भारत माता चौक, शुक्रवारी बाजार, खमतराई दुर्गा मंदिर के पास, मोहबा बाज़ार, हीरापुर बाज़ार के पास एटीएम चौक, रामकुंड, डंगनिया बाज़ार मे निःशुल्क दिया वितरण किया गया। दिया वितरण वरिष्ठजनो, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के कर कमलों से कराया गया।


विधायक विकास उपाध्याय हमेशा से ही जनसेवा के लिए समर्पित है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक उनकी मूलभूत आवश्यकताओ को पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है। इसी कड़ी मे आज विकास उपाध्याय द्वारा दिया वितरण गरीब परिवार के बीच इसलिए किया गया ताकि, दीपावली के पर्व पर हर गरीब का घर रौशन हो सके और त्योहारों की खुशी उनके पूरे परिवार के चेहरे पर बरकरार रहे।

साथ ही विकास उपाध्याय ने रायपुर पश्चिम विधानसभा के समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह निर्देशित भी किया कि अपने आस पास के ऐसे परिवारो को चिन्हित करे जो दीपावली मे दिया जलाने मे असमर्थ हो, उन तक दिया पहुँचाया जाये ताकि उनका घर भी दीपावली मे रौशन हो सके।


विकास उपाध्याय ने विदेशी चाइनीज लाइटों का पूर्णत: बहिष्कार करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें स्वदेशी मिट्टी के दियो से अपने घरो को रौशन करना चाहिए, इससे मिट्टी के दीयों काे बनाने वाले कुम्हार भाइयों के लिए रोजगार उत्पन्न होगा। साथ ही स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और यह पर्यावरण संरक्षित करने में भी सहयोगी होगा।


विकास उपाध्याय ने दीपावली के मौके पर बताया कि दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश के जीत का पर्व है। यह पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय, हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला, सबसे बड़ा त्यौहार है। दीपावली एक दिवसीय पर्व नहीं है, अपितु यह कई त्यौहारों का समूह है, जिनमें धन त्रयोदशी अर्थात धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज सम्मिलित हैं।

दीपावली महोत्सव कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की दूज तक हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है। यह त्यौहार सामाजिक एकता को बढ़ाने का कार्य करता है। इस मौके पर किये जा रहे दिया वितरण का मुख्य उद्देश्य है कि दीपावली पर हर घर रौशन हो सके और सभी मिलजुलकर ख़ुशी ख़ुशी दीपावली मना सकें।

Nitin Lawrence

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