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केंद्रीय बजट में नहीं है देश के विकास का विजन : राजेन्द्र साहू….


किसानों, बेरोजगारों को राहत देने पर भी केंद्र सरकार मौन : केंद्र सरकार के बजट से देशवासी निराश : राजेंद्र साहू

  • किसानों की आय दुगुना करने या एमएसपी बढ़ाने का कोई प्रावधान ही नहीं
  • पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के बढ़े दामों से आम जनता को कैसे मिलेगी राहत
  • महंगाई कम करने की दिशा में बजट में एक शब्द का उल्लेख भी नहीं

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने केंद्र सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह ऐसा बजट है जिसमें देश की तरक्की का कोई विजन ही नहीं है। बजट में किसानों के लिए अनाज का एमएसपी बढ़ाने या किसानों की आय दुगुना करने के लिए कोई प्रावधान ही नहीं किया गया है।

आम जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए बजट में एक शब्द भी नहीं कहा गया है। आम जनता को पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस के बढ़े दामों से राहत दिलाने कोई बात नहीं की गई है।

राजेंद्र ने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन इस बजट में भी रोजगार के काफी कम अवसर देने की बात कही गई है। पूरे बजट में मध्यम वर्ग के लिए ऐसी एक भी घोषणा नहीं, जिससे उन्हें राहत मिल सके।

व्यापारी बंधुओं को राहत देने के लिए जीएसटी कानून में संशोधन का भी कोई उल्लेख नहीं है यानी बजट से व्यापारी बंधुओं के लिए कोई राहत नहीं मिली है।

राजेंद्र ने कहा कि केंद्रीय बजट में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने की दिशा में कुछ भी नहीं है

मोदी सरकार ने रेल का किराया काफी बढ़ा दिया है लेकिन बढ़े हुए किराये से आम जनता को क्या राहत मिलेगी, बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। इसी तरह रेलवे किराया में सीनियर सिटीजन को मिलने वाले लाभ को हटाने के बाद दोबारा इसका लाभ कब मिलेगा? इस संबंध में भी बजट में कोई बात नहीं की गई है।

राजेंद्र ने कहा कि केंद्र सरकार के नुमाइंदे आर्गेनिक खेती की बात करते हैं, लेकिन लाभ बड़ी कंपनियों को देते हैं। ऐसे में किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।

राजेंद्र ने कहा कि बजट में मोदी सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन के बारे में भी कोई बात नहीं की गई है। यह प्रोजेक्ट किस पोजिशन में है। ट्रेन चलेगी या नहीं चलेगी। इस संबंध में बजट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन एक साल का बजट प्रस्तुत करती है लेकिन बजट के बिंदु गिनाते हुए 25 साल बाद होने वाले विकास की बात करती हैं।

प्रधानमंत्री भी अपनी योजनाओं का जिक्र करते हुए 5 साल या 10 साल में नतीजे निकलने बात करते हैं।

आम जनता के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण है जबकि पीएम व केंद्रीय मंत्री 20-25 साल की बात कर रहे हैं।

सीतारमन ने 2020 में 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी लेकिन आज तक इस पैकेज का अता-पता नहीं है।

केंद्रीय बजट से जनता पूरी तरह निराश हो चुकी है। केंद्र सरकार के झूठे वादों को भी समझ रही है। जनता अब भाजपा के बहकावे में नही आएगी।

Sanjeev Samuel Reporter

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