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प्राइवेट स्कूलों में बच्चों का एडमिशन करा कर ना डाले अपने जेबों पर भार, स्वामी आत्मानंद स्कूल में एडमिशन करा सवारें अपने बच्चों का भविष्य

रायपुर। अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की होड़ में परिजन अपने बच्चों को बड़े से बड़े प्राइवेट स्कूलों में डालकर उनका भविष्य बेहतर बनाने के बारे में सोचते हैं। जिसका फायदा आज सभी प्राइवेट स्कूल द्वारा उठाया जा रहा है। मनमाने फीस वसूलने तक तो ठीक था लेकिन, अब तरह-तरह के इवेंट्स व स्कूलों के नए नए नियम कानून के चलते एक्स्ट्रा पैसे भी परिजनों के जेब से वसूले जा रहे हैं।

नर्सरी के बच्चों के साल भर में 1लाख रुपये से अधिक फीस लग जा रहे हैं। ऐसे में 12वीं पहुंचते तक कई परिजनों के जेब ऐसे ही खाली हो जाते हैं। उसके बाद आगे की शिक्षा देने के लिए परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे मध्यम वर्गीय परिवार पर अत्यधिक बोझ पड़ रहा है।

गैर व्यापारिक संस्था के अंतर्गत आने वाला स्कूल आज व्यापार का सबसे बड़ा साधन बन गया है। अच्छी शिक्षा तो नहीं लेकिन, इसके चलते परिजनों के जेब में मोटा डाका जरूर डाला जा रहा है। इन सब के मद्देनजर सभी बच्चों को फ्री में अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने स्वामी आत्मानंद स्कूल खुलवाए हैं ताकि, बच्चों को सरकारी में ही अंग्रेजी माध्यम की अच्छी शिक्षा मिल सके। प्रदेश में संचालित स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लेकर परिजनों में संतुष्टि भी नजर आ रही है। वही स्कूली शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी स्वामी आत्मानंद स्कूलों को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो शिक्षा प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को दी जाती है वही,शिक्षा अब स्वामी आत्मानंद सरकारी स्कूल के माध्यम से भी बच्चों को मिलने लगी है। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में जिस तरह से मनमाने फीस और तरह-तरह के नियम कानून बताकर परिजनों से जो मोटे फीस वसूले जा रहे हैं उससे इतर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में इस तरह का कोई भी भार परिजनों के जेब में नहीं डाला जा रहा। जिसके चलते जो पैसे परिजन अभी पानी की तरह अपने बच्चों के भविष्य उजागर करने के लिए बहा रहे हैं उन पैसों को जमा कर अपने बच्चों की उच्च स्तरीय पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

ऐसा करने से ना सिर्फ परिजनों के जेबों से बहने वाले पैसों पर रोक लगेगी बल्कि,आगे की शिक्षा के लिए उनके पास पर्याप्त मात्रा में पैसे होंगे। जिससे वह अपने बच्चे को और भी अच्छी शिक्षा दिला सकते हैं। ऐसे में अगर सभी परिजन एकमत होकर प्राइवेट स्कूलों का खंडन कर अगर स्वामी आत्मानंद स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन कराते हैं तो, न सिर्फ उनके बच्चों का भविष्य कम पैसे में संवरेंगे बल्कि आगे के लिए वह पैसे उनके बहुत काम आएंगे।

Nitin Lawrence

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