रेलवे बोर्ड ने दिए निर्देश…अब यात्री डिब्बों में लगेंगे तीन तरह के फायर सेफ्टी सिस्टम
New delhi: मदुरई स्टेशन से पहले खड़ी ट्रेन में आग लगने के बाद रेलवे एक्शन मोड में आ गया है। रेलवे ने सभी प्रकार की पैसेंजर ट्रेनों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। जिसके अंतर्गत यात्री डिब्बों में तीन तरह की फायर सेफ्टी सिस्टम की स्थापना की जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को एसी कोचों में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम, पेंट्री कारों और पावर कारों में आग का पता लगाने और गैर एसी में आग बुझाने वाले उपकरण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि मदुरई स्टेशन से पहले खड़ी ट्रेन में आग लगने से उत्तर प्रदेश से तीर्थ यात्रा पर निकले 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह की घटनाओं को रोकने में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम और पॉवर कार कोच में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम कारगर साबित हो सकता है।
समय रहते आग पर कर लिया जाएगा काबू
ट्रेनों के एसी कोच में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगने से आने वाले दिनों में ट्रेन के अंदर आग लगने से पहले ही फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से अलार्म बजने लगेगा। जिससे, आग पर समय रहते काबू कर लिया जाएगा।
फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशनटाइप फायर एण्ड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर आदि उपकरण लगाए जाएंगे, जो यात्रियों को सतर्क करने के साथ आग बुझाने का भी कार्य भी करते हैं।
ऐसे काम करेगा सिस्टम
धुंआ, चिंगारी या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाते हैं। अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगते हैं। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगता है। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाते हैं और नाइट्रोजन मी पानी की बौछार शुरू हो जाती है।
बता दें कि ट्रेनों में विकल्प के रूप में एक पावरकार लगाई जाती है। पावरकार में जनरेटर होता है, जो विशेष परिस्थितियों में कोचों को बिजली की आपूर्ति करता है।पेंट्रीकार की तरह पावरकार और कोचों में भी आग लगने की आशंका बनी रहती है।