Chhattisgarh

कश्मीर आतंकी हमले के खिलाफ छत्तीसगढ़ में उबाल: कैंडल मार्च, श्रद्धांजलि सभाएं और विरोध प्रदर्शन

रायपुर/बिलासपुर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी झकझोर कर रख दिया है। हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या और 22 के गंभीर रूप से घायल होने की खबर फैलते ही प्रदेशभर में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और विश्वविद्यालयों तक सभी ने एकजुट होकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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बिलासपुर में भी कैंडल मार्च, श्रद्धांजलि सभाएं
बिलासपुर में भाईचारा एकता मंच के बैनर तले अधिक संख्या में लोगों ने कैंडल मार्च निकालते हुए मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों ने न केवल हमले की निंदा की, बल्कि घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की।

राजनीतिक दलों ने भी किया विरोध
शहर और ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी ने नेहरू चौक पर कैंडल मार्च का आयोजन किया। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने इस हमले को “कायरता और बर्बरता की चरम सीमा” बताया और पड़ोसी देश को इसकी मुख्य वजह बताया। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने शहीद चौक पर आतंकवाद का पुतला फूंकते हुए इस घटना को “देश की एकता पर हमला” करार दिया और केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सामाजिक संगठनों की भी भागीदारी
प्रदर्शन में शामिल नागरिकों और युवाओं ने आतंकी संगठन टीआरएफ और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके झंडे जलाए। उन्होंने कहा कि धर्म या जाति के आधार पर लोगों को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ अपराध है और भारत सरकार को सीमा पार के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करना चाहिए

विश्वविद्यालय में शांति सभा
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल की उपस्थिति में श्रद्धांजलि सभा हुई, जिसमें शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रो. चक्रवाल ने इसे “देश की अखंडता पर सीधा प्रहार” बताया और आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का संकल्प दोहराया।

Desk idp24

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