Chhattisgarh

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की छात्रों से की परीक्षा पर चर्चा, बोले- परिणाम की चिंता किए बिना अपना बेस्ट देना ही सफलता का मूलमंत्र, पालक भी अनावश्यक न लादें उम्मीदों का बोझ

Related Articles

रायपुर। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि सफलता असफलता जीवन का हिस्सा है लेकिन व्यक्ति को लगातार अपनी काबिलियत पर काम करना चाहिए, व्यक्तित्व को मजबूत बनाना चाहिए, कठिन परिस्थितियों में सकारात्मक भाव से धैर्य के साथ अपना प्रयास जारी रखना चाहिए। 

ये गुण किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में सफल होने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छात्रों को परीक्षा की तैयारियों को लेकर मार्गदर्शन दे रहे थे। उन्होंने बच्चों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि परिणाम की चिंता किए बगैर अपना बेस्ट देने पर फोकस करें।   

 वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि व्यक्ति को अपने भीतर ऐसे मानवीय गुणों का विकास करना चाहिए जो उसके सफलता के लिए सहायक हो। लक्ष्य के प्रति समर्पण और परिश्रम करने की क्षमता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे फर्क नही पड़ता कि आप असफल होते हो, अगर आप ईमानदारी से प्रयास करते हैं तो आगे बड़ी सफलता को जरूर प्राप्त करेंगे। उन्होंने अपनी शैक्षणिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर चर्चा करते हुए बताया कि आईएएस बनने के लक्ष्य के साथ उन्होंने मेहनत की। परिस्थितियां कैसी भी हों, हमेशा अपना बेस्ट देने का प्रयास किया। इससे वे देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने में सफल रहे। आगे उन्होंने राजनीतिक जीवन में प्रवेश करने का निश्चय किया। इसके लिए भी लगातार मेहनत की।      

इस मौके पर उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब दिए चिन्मय डनसेना ने पूछा कि परीक्षा के एक दिन पहले होने वाले तनाव को कैसे दूर करें। वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि परीक्षा के दौरान तनाव स्वाभाविक है। लेकिन आप यह ध्यान रखें कि पूरे साल भर के मेहनत का सार परीक्षा के 3 घंटों में निकलता है। इसलिए अपना मन शांत रखें और उन 3 घंटों में शांत चित्त से अपना बेस्ट देने पर फोकस करें। परिणाम की चिंता मत करें। इससे चिंता और तनाव के कारण होने वाली गलतियों की संभावनाएं भी काफी कम हो जाएंगी।गीता में भी कहा गया है कि व्यक्ति को कर्म करने चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। प्रयास अच्छा है तो परिणाम भी अच्छा होगा। सिर्फ टॉपर होना या स्कूल में अच्छे परसेंटेज लाना ही जीवन में सफलता की गारंटी नहीं है। कई सफल लोग अपनी स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई में असफल हुए लेकिन जीवन में उन्होंने सफलता के कीर्तिमान रचे और जीनियस कहलाए।

 रामानुजन 12 वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे, लेकिन आगे चल कर वे महान गणितज्ञ बने। मुंशी प्रेमचंद अपने प्रतिभा से शीर्ष साहित्यकारों में शुमार हुए। बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स कॉलेज ड्रॉपआउट थे। लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत से जो काम किया आज वो इतिहास है। एक छात्र ने जब वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी से पूछा कि वे अपना सिलेबस रिवीजन कैसे करते थे तो उन्होंने बताया कि नोट्स बनाकर पढ़ने से रिवीजन अच्छा होता है। नोट्स ऐसा हो जिस पर एक नजर मारने से पूरा चैप्टर क्लियर हो जाए। रिवीजन परीक्षा की तैयारी का अहम हिस्सा है।

इमोशनल इंटेलिजेंस भी सफलता के लिए बेहद जरूरी

प्राची गुप्ता ने पूछा कि आज आईक्यू के साथ इक्यू को भी सफलता के लिए जरूरी बताया जाता है, यह क्या होता है। वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने इस आज के समय में इक्यू को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आईक्यू बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। वहीं इक्यू भावनात्मक गुणांक को बताता है। आज इमोशनल इंटेलिजेंस बहुत जरूरी है। यह विचार को लेकर भावनात्मक समझ और नकारात्मकता से निपटने में व्यक्ति की योग्यता को बढ़ाता है।  यह बताता है कि हम अपने व्यक्तित्व को किस तरह से लेकर चल रहे हैं। किसी व्यक्ति का ईक्यू अच्छा होगा तो वह मन में आने नेगेटिव विचार के कारणों को समझ कर उसे दूर करने के लिए सही कदम उठा पाएगा। कठिन परिस्थिति में व्यक्तित्व बिखरेगा नही बल्कि उचित निर्णय ले पाएगा।

पालक भी समझें बच्चों की योग्यता, अनावश्यक न लादें उम्मीदों का बोझ

निधि बघेल ने पूछा कि कई बार माता पिता और शिक्षकों के उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन करने को लेकर दबाव महसूस होता है, इसे कैसे दूर करें। इस पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि छात्र अपना बेस्ट दें और मन में यह भाव रखें कि मैंने अपनी क्षमता और योग्यता ने अनुरूप पूरा प्रयास किया है। कई बार परिणाम ऊपर नीचे हो सकते हैं। लेकिन इसको लेकर अनावश्यक दबाव नहीं लेना चाहिए। उन्होंने पालकों से भी अपील करते हुए कहा कि बच्चों की क्षमता को समझें। उसे बढ़ाने के लिए उनका मनोबल बढ़ाएं। उन पर उम्मीदों का बोझ बिलकुल न लादें। उन्हें हाई परसेंटेज लाने का प्रेशर न डालें। बच्चों को सकारात्मक माहौल देंगे और उनका आत्मविश्वास बढ़ाते रहेंगे तो वे उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

प्रयास संस्था और नालंदा परिसर से बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की मिलेगी सुविधा

वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने बच्चों को आगे क्लैट, यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस एग्जाम के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर जागरूक रहकर परीक्षा की तैयारी करने और उसमें शामिल होने की बात कही। उन्होंने बताया कि रायगढ़ में प्रयास संस्था खुलने जा रही है। पहली बार संभागीय मुख्यालय से बाहर रायगढ़ में यह संस्था खुलने जा रही है। यहां 11 वीं और 12 वीं के छात्रों को स्कूली शिक्षा के साथ आईआईटी, मेडिकल एंट्रेंस नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की निःशुल्क सुविधा भी मिलेगी। यह एक आवासीय संस्था होगी। साथ ही यहां नालंदा परिसर भी खुलने जा रहा है। इन सुविधाओं से यहां के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों के लिए अच्छा माहौल मिलेगा। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मेहनत ऐसा करो कि आपका हस्ताक्षर एक दिन ऑटोग्राफ बन जाए।

Desk idp24

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!