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पीएम, मुलाहिला या रिपोर्ट देने वाले डाक्टर अपने समय पर दे सकेंगे गवाही

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने चिकित्सा पेशा से जुड़े डाक्टरों की सुध ली है और उनके लिए गवाही देने के समय को लेकर छूट प्रदान की है। इसके तहत वे उस समय का चयन गवाही के लिए कर सकते हैं, जिससे उनका चिकित्सा पेशा प्रभावित न हो और जरूरतमंद मरीजों को भी इलाज के लिए वंचित होना न पड़े।

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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने प्रदेशभर के जिला न्यायालय के अलावा अधीनस्थ न्यायालयों को परिपत्र जारी कर इसकी व्यवस्था बनाने का आदेश दिया गया है। जारी निर्देश पर गौर करें तो इसमें सभी न्यायालयों की अपनी अलग-अलग ई-मेल आईडी होंगी।

सभी अदालतें डाक्टरों की पूछताछ पर ध्यान देने के लिए, जैसा भी मामला हो, कोर्ट के क्लर्क, कोर्ट के डिप्टी क्लर्क, नायाब नाजिर को नियुक्त करेंगी। आमतौर पर पोस्टमार्टम करने वाले, मुलाहिजा और मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले डाक्टर किसी भी प्रकरण के महत्वपूर्ण गवाह होते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने जरूरी दिशा निर्देश जारी किया है।

नई व्यवस्था के तहत अब चिकित्सक एक दिन पहले ही कोर्ट में पेश होने या आनलाइन गवाही देने के लिए अपना समय बता सकेंगे। चिकित्सक द्वारा बताए गए समय पर कोर्ट में उनकी गवाही तय की जाएगी। चिकित्सा सेवा से जुड़े इन महत्वपूर्ण गवाहों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाही की सुविधा भी मुहैया कराई जा रही है।

व्यस्तता के चलते कोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं या फिर आपातकालीन चिकित्सा सेवा में है तब ऐसी स्थिति मर वीसी के जरिये अपना बयान व प्रकरण के सम्बंध में गवाही देने की सुविधा दी गई है। आमतौर पर गवाह डॉक्टर के सम्बंध में कोर्ट को यह शिकायत मिलती है कि बार-बार समन जारी करने के बाद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

महत्वपूर्ण गवाह के ना आने के कारण मामला भी लम्बित होते जाता है। चिकित्सको के सामने दिक्कत ये रहती है कि आपातकालीन परिथिति के चलते उनको अस्पताल और मरीजों को छोड़ते नहीं बनता है। व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किया है।

सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे के बीच देनी होगी जानकारी

न्यायालय के क्लर्क,कोर्ट के डिप्टी क्लर्क,नायाब नाजिर जिसकी भी उपलब्धता इनके द्वारा ही गवाही के लिए चिकित्सको को समन जारी किया जाएगा। इसके लिए कोर्ट के आधिकारिक लैंडलाइन नंबर का उपयोग करना होगा। लिखित में समान भेजने की स्थिति में कोर्ट के आधिकारिक ई-मेल आईडी का उपयोग करना होगा। चिकित्सकों को यह भी सुविधा दी गई है कि गवाही से एक दिन पहले सुबह 10:30 बजे से 11 बजे के बीच न्यायिक अधिकारियों की उपलब्धता के सम्बन्ध में कोर्ट के कर्मियों से जानकारी ले सकते हैं।

काल व ई मेल का रखना होगा रिकार्ड

समन के साथ ही समय की उपलब्धता को लेकर चिकित्सको द्वारा किये जाने एक-एक काल व ई मेल की प्राप्तियों का रिकार्ड सम्बंधित कोर्ट के स्टाफ को रखना होगा। रजिस्ट्रार जनरल ने साफ कहा है कि उपरोक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।

Desk idp24

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