सोने के भाव में आई तकड़ी बढ़ोतरी…फटाफट चेक करें Gold के ताजा रेट
New Delhi : सोने की कीमत में तो शानदार तेजी देखी ही जा रही है। 50,902 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ सोना (Gold Rate) कल सुबह 12 रुपये की गिरावट (Gold price fall) के साथ 50,890 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला था।सुबह भले ही सोना गिरावट के साथ खुला, लेकिन बाजार खुलने के चंद ही मिनटों में सोने (Gold Price Today) में तेजी (Gold price hike) देखने को मिली।
कारोबार बंद होते-होते सोने में 546 शुरुआती कारोबार में ही सोना करीब 546 रुपये की बढ़त के साथ 51,448 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा पहुंचा। इस दौरान ऐसा भी वक्त आया जब सोने ने दिन का 51,750 रुपये का उच्चतम स्तर भी छू लिया।मजबूत हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा बाजार में शुक्रवार को सोना 268 रुपये की तेजी के साथ 51,170 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अक्टूबर महीने में डिलीवरी सोना अनुबंध की कीमत 268 रुपये यानी 0.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 51,170 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इसमें 15,624 लॉट के लिये कारोबार हुआ।बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से मुख्यत: सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना 1.15 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,954.80 डॉलर प्रति औंस हो गया।रुपया मजबूत होने के बीच स्थानीय सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोना 252 रुपये की गिरावट के साथ 52,155 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 52,407 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘
‘सर्राफा के अंतरराष्ट्रीय कीमतों में सुधार होने के बावजूद दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत 252 रुपये कमजोर रही। रुपये के मजबूत होने से दिन के कारोबार में सोने की तेजी पर अंकुश रहा।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव तेजी के साथ 1,949 डॉलर प्रति औंस रहा। पटेल ने कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताओं के बीच शुक्रवार को सोने की कीमतों में सुधार देखने को मिला।’’रूस द्वारा कोरोना टीका बनाने का दावा करने के बाद सोने और चांदी के दाम में बीते सप्ताह भारी गिरावट आई। लेकिन, आर्थिक सुस्ती, अमेरिका-चीन के बीच तकरार और डॉलर में कमजोरी से सोने और चांदी की तेजी को आगे भी सपोर्ट मिलने के आसार हैं। कमोडिटी विशेषज्ञों की माने तो सोने और चांदी के प्रति निवेशकों को आकर्षण अभी कायम हैक्योंकि कोरोना का कहर अभी टला नहीं है और शेयर बजार में अनिश्चितता बनी हुई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का आकर्षण कम नहीं हुआ है।
सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है।विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है lकि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिवाली तक सोने का भाव नया रेकॉर्ड बनाएगा। वहीं जेपी मॉर्गन का कहना है कि वर्तमान में आर्थिक, महामारी और राजनीतिक हालात के मद्देनजर इसकी पूरी संभावना है कि सोना 70 हजार के स्तर को दिवाली तक छू जाए। उनका कहना है कि अगर कोरोना वैक्सीन आ भी जाती है तो भी ग्लोबल इकॉनमी में सुधार में अभी काफी समय है। तब तक सोने की कीमत में तेजी दर्ज की जाएगी।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश 86 फीसदी बढ़ा
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश जुलाई महीने में इससे पिछले माह की तुलना में 86 प्रतिशत बढ़कर 921 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सोने की कीमतें उच्चस्तर पर होने के बीच निवेशकों द्वारा अपने पोर्टफोलियो में बहुमूल्य धातुओं को जोड़ने को लेकर काफी उत्साह है, जिससे वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं।एसोसिएशन ऑफ म्यचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इस तरह चालू साल के पहले सात माह में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का शुद्ध प्रवाह बढ़कर 4,452 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, निवेशकों ने जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 921 करोड़ रुपये का निवेश किया।इससे पिछले महीने यानी जून में उन्होंने गोल्ड ईटीएफ में 494 करोड़ रुपये डाले थे। इस निवेश के बाद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जुलाई के अंत तक 19 प्रतिशत बढ़कर 12,941 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो जून के अंत तक 10,857 करोड़ रुपये थीं।