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भारत में मिला 59 लाख टन लिथियम का भंडार, इस चीज को बनाने के आता है काम

जम्मू-कश्मीर। देश में पहली बार लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने पहचान की है। अब तक भारत में लिथियम को दूसरे देशों से आयात किया जाता है। रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन स्थापित किए हैं। लिथियम एक अलौह धातु है जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है। इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है। 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई।

11 राज्यों में मिले खनिज संसाधन

खनन मंत्रालय ने कहा, “इन 51 खनिज ब्लॉकों में से 5 ब्लॉक सोने से संबंधित हैं। इसके अलावा पोटाश, मोलिब्डेनम, बेस मेटल से जुड़े हुए हैं। ये मेटल्स 11 राज्यों के अलग-अलग जिलों में मिले हैं। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर (यूटी), आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं।

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