राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व को बाघों का बसेरा बनाने की कोशिश,जाने कारण
रायपुर। राज्य के चौथे टाइगर रिजर्व तमोर पिंगला और गुरु घासीदास में जल्द ही सांभर चीतल और हिरणों का झुंड दिखाई देगा। बारनवापारा और कानन पेंडारी के करीब 100 वन्य प्राणियों को यहां शिफ्ट किया जाएगा।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान बार नवापारा सहित अन्य अभ्यारण में वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए शिफ्टिंग की योजना बनाई गई है। किस्तों में वन्य प्राणियों को शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है। ताकि तमोर पिंगला और गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में बाघ और अन्य मांसाहारी वन्य प्राणियों को आकर्षित किया जा सके। इसके लिए शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। बता दे यह टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के कान्हा केसली और झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व को जोड़ता है। इसे संरक्षित करने से बाघों के आने-जाने का गलियारा बनेगा। प्राकृतिक आवास और बहुतायत मात्रा में वन्य प्राणियों के रहने से बाघ यहां स्थाई रूप से रहेंगे।
बता दें कि नया टाइगर रिजर्व गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 1,44,000 हेक्टेयर (1440 वर्ग किलोमीटर) और तमोर पिंगला वन्य जीव अभ्यारण 60,850 हेक्टेयर (608.5 वर्ग किलोमीटर) में फैला हुआ है। राज्य में वर्तमान में उदंती सीतानदी, अचानक मार्ग और इंद्रावती टाइगर रिजर्व है।