प्रदेश में दस दिन के चल रहे सियासी घमासान पर फिलहाल विराम लग गया है। इसी के साथ भाजपा और शिवसेना के बागी विधायकों की गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया। शिवसेना विधायकों की बगावत से अल्पमत में आए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात इस्तीफा दे दिया। उद्धव ने फेसबुक लाइव पर आकर त्यागपत्र की घोषणा कर दी। उद्धव ने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ दी। ठाकरे ने देर रात राजभवन जाकर कोश्यारी को इस्तीफा सौंप दिया।
दरअसल ,राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने मंगलवार देर रात ठाकरे को बहुमत परीक्षण के निर्देश दिए थे। शिवसेना ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिली। वहीं संकेत मिल रहे थे कि आंकड़े में पिछड़ने के कारण ठाकरे सदन का सामना नहीं करेंगे।
इधर, शाम को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बीच अचानक बुलाई कैबिनेट बैठक में उद्धव का संबोधन विदाई भाषण की तरह था।
उद्धव ने कहा, ढाई साल के कार्यकाल के दौरान सहयोग के लिए धन्यवाद। मुझसे कोई भूल हुई हो, अपमान हुआ हो, तो क्षमा करें। मेरी पार्टी के लोगों ने ही दगा दिया है, जिससे यह स्थिति पैदा हुई। बैठक के बाद बाहर निकले उद्धव ने मीडियाकर्मियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इस दौरान वह भावुक नजर आए। उन्होंने कांग्रेस, एनसीपी समेत मंत्रियों का आभार जताया। कहा, अलग-अलग विचारधारा के बावजूद हमने अच्छी सरकार चलाई। उन्होंने मुख्य सचिव समेत अपने कार्यालय के स्टाफ का भी धन्यवाद किया।
उद्धव ठाकरे के हटते ही मौके का फायदा उठाते हुए पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भाजपा सरकार बनाने के लिए आज राज्यपाल के समक्ष दावा कर सकते हैं। 288 सदस्यीय सदन में 106 भाजपा व 38 शिंदे गुट के विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 144 है। भाजपा को प्रहार जनशक्ति पार्टी समेत 7 निर्दलीय और शिंदे गुट को 12 निर्दलीयों का भी समर्थन हासिल है।