गौरेला पेंड्रा मरवाही : रखरखाव के आभाव में बदहाल हो रहा इंदिरा उद्यान..
@सुमित जालान
गौरेला पेंड्रा मरवाही :- पेंड्रा नगर की शान कहे जाने वाले इंदिरा उद्यान में पर्यटन की तमाम संभावनाएं हैं, मगर रखरखाव के आभाव में ये बदहाल होता जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भले ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गंभीर हो, मगर अधिकारियों की उदासीनता के चलते नगर का पर्यटक स्थल इंदिरा उद्यान इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा इस उद्यान का लोकार्पण किया गया था। तब यहां पर भालू, हिरण, बारहसिंघा, तोता, मैना, सांप, तितलियां ऐसे अनेक प्रकार के जीव जंतु का यहां रखरखाव किया जाता था। पेंड्रा नगर के वासियों के साथ-साथ यहां पर दूर-दराज के लोग भी अपना समय व्यतीत करने इन जीव जंतुओं के बीच आते थे। इस जगह की खूबसूरती यहां पर आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती थी, लेकिन प्रशासन की उदासीनता की वजह से यह एक खंडहर बन कर रह गया है । जर्जर सड़क, टूटे झूला व खस्ताहाल इमारत अव्यवस्थाओं की कहानी बयां कर रहा है।
वन विभाग के अधिकारीयो का उदासीन रवैया..
वन विभाग की अनदेखी के कारण इस उद्यान का बुरा हाल हो गया है। वन विभाग के द्वारा पर्यटकों के मनोरंजन की दृष्टि से इंदिरा उद्यान की स्थापना की गई थी। शासन द्वारा हर साल इंदिरा उद्यान के रखरखाव, पर्यटक की सुविधाओं के विस्तार के लिए लाखों रुपए की राशि स्वीकृत की जाती है पर पिछले कुछ समय से वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी का रवैया उद्यान की ओर बहुत ही उदासीन दिखाई दे रहा है जिसके कारण यहां पर आने वाले बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले की व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, खेलने व ऐसी अनेक व्यवस्थाएं जो पर्यटकों को यहां पर आने के लिए प्रेरित करती हैं ऐसी किसी प्रकार की कोई व्यवस्था इस गार्डन पर अब नहीं बची है। वीरान हो रहे इस पर्यटन स्थल से लोगों का मोहभंग हो रहा है।